अब घर पर मुफ्त मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, नहीं लगाने पड़ेंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र की पहली प्रति लोगों के घर पर निशुल्क भेजी जाएगी।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नगर निगम 'आपके द्वार' योजना के तहत प्रमाण पत्र को डाक के माध्यम से आपके घर भेजेगा। यह सेवा पश्चिमी जोन से शुरू की गई है। एक दो सप्ताह में यह चारों जोन में शुरू कर दी जाएगी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में हर माह औसतन 24 हजार लोगों का जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण होता है।
निशुल्क भेजी जाएगी प्रति
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर नरेंद्र चावला ने बताया कि लोगों की सहूलियत के लिए नगर निगम के आपके द्वार के तहत यह सेवा शुरू की गई है। इसके अनुसार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र की पहली प्रति लोगों के घर पर निशुल्क भेजी जाएगी। निगम के पास अस्पतालों से पंजीकरण की जानकारी आने के तीन सप्ताह के भीतर लोगों को प्रमाण पत्र की प्रति भेज दी जाएगी।
बिचौलिए करते थे कमाई
बता दें कि पुरानी व्यवस्था के तहत निगम अपने पास मृत्यु एवं जन्म का पंजीकरण कर लेता था। उसके बाद कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से 21 रुपये का शुल्क अदा कर जन्म प्रमाण पत्र ले सकता था। इस व्यवस्था में दिक्कत यह हो रही थी कि साइबर कैफे संचालक इसके लिए 100-200 रुपये तक लोगों से वसूल कर रहे थे। अन्य बिचौलिए भी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने का भय दिखाकर एक-दो हजार रुपये वसूल लेते थे।
जोन उपायुक्त के हस्ताक्षर होंगे
अब इस सेवा के शुरू होने से बिचौलियों की नहीं चलेगी। घर पर ही प्रमाण पत्र मिल जाने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। प्रमाण पत्र के साथ निगम एक पत्र भी भेजेगा। इसमें जोन उपायुक्त के हस्ताक्षर होंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि यह पहली प्रति निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
घर के पास लगाया जाएगा कियोस्क
निगम की सेवाएं घर के नजदीक देने के लिए निगम कियोस्क योजना पर भी कार्य कर रहा है। इसके तहत हर वार्ड में कियोस्क लगाए जाएंगे जिसके माध्यम से निगम जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा। अभी इन सेवाओं के लिए लोगों को निगम के जोन दफ्तर जाना पड़ता है।
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