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फिर चर्चा में यूपी पुलिस, अब 'ठांय-ठांय' न करने पर चली गई कोतवाल की कुर्सी!

उत्तर प्रदेश में पुलिस की ठांय-ठांय एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा गौतमबुद्ध नगर पुलिस में हो रही है। यहां पर आया ताजा मामला भी हैरान करने वाला है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:07 AM (IST)
फिर चर्चा में यूपी पुलिस, अब 'ठांय-ठांय' न करने पर चली गई कोतवाल की कुर्सी!
फिर चर्चा में यूपी पुलिस, अब 'ठांय-ठांय' न करने पर चली गई कोतवाल की कुर्सी!

नोएडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पुलिस की 'ठांय-ठांय' एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा गौतमबुद्ध नगर पुलिस में हो रही है। पुलिस विभाग में चर्चा है कि 'ठांय-ठांय' से इनकार करने पर कासना कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार सिंह की कुर्सी चली गई। हालांकि, पुलिस अधिकारी इसके पीछे कार लूट की घटना को वजह बता रहे हैं।

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ध्यान रहे कि संभल में मुठभेड़ के दौरान दारोगा के मुंह से 'ठांय-ठांय' करते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। मसला कुछ यूं है। पुलिस अधिकारियों को शनिवार को मुखबिर से जानकारी मिली कि ग्रेटर नोएडा के पी थ्री स्थित पेट्रोल पंप से बदमाश लाखों का कैश लूटने की फिराक में है।

इस जानकारी से कासना कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार सिंह को अवगत कराया गया। साथ ही अधिकारियों ने यह भी बताया कि बदमाश पुलिस को देखकर फायरिंग भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में बदमाशों को करारा जवाब मिलना चाहिए।

सूत्रों को कहना है कि सुनील कुमार सिंह ने गोली चलने से इनकार कर दिया, जिससे अधिकारी खासा नाराज हो गए। इसके बाद अधिकारियों ने बदमाशों के पेट्रोल पंप लूट करने आने की जानकारी क्राइम ब्रांच को दी। दारोगा रामफल के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम कासना के पी थ्री क्षेत्र में पहुंची। अधिकारियों की जानकारी सटीक निकली।

पेट्रोल पंप लूट करने के लिए मोटरसाइकिल से रबूपुरा के रहने वाले योगेश, प्रमोद समेत तीन लोग आए थे। मुखबिर से मिले हुलिया से दोनों की पहचान हो गई। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। यहां भी अधिकारियों को पूर्व में मिली जानकारी सही साबित हुई। क्राइम ब्रांच की टीम पर बदमाशों ने फाय¨रग कर दी। टीम ने भी फायरिंग की। जिसमें योगेश के पैर में गोली लगी, उसका साथी प्रमोद पकड़ा गया। एक बदमाश भाग गया।

कासना में इस ठांय-ठांय के तुरंत बाद ही कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार सिंह का तबादला क्राइम ब्रांच कर दिया गया। वह मात्र पंद्रह दिन ही कासना के प्रभारी रह पाए।

वहीं दारोगा रामफल को कासना कोतवाली का प्रभारी बनाकर पहला चार्ज दे दिया गया। पुलिस विभाग में चर्चा है कि उन्हें ठांय-ठांय करने का इनाम मिला और सुनील कुमार सिंह को इनकार करने की सजा।

हालांकि, एसएसपी डॉ अजयपाल शर्मा का कहना है कि सुनील कुमार सिंह के पंद्रह दिन के कार्यकाल में कासना में लूट की घटनाएं बढ़ गई थी। इसी कारण उन्हें हटाया गया है।

  • यह भी है कार्रवाई की बड़ी वजह
  • लूट की बड़ी घटनाओं के बाद भी कोतवालों पर नहीं हुई थी कार्रवाई 
  • पंजाब नेशनल बैंक में लूट के दौरान दो गार्ड की हत्या 
  • दनकौर में डकैती के दौरान दंपती की हत्या
  • सूरजपुर में रविवार रात लूट के विरोध में युवक को मारी गोली मानवाधिकार आयोग की सख्ती के बाद रामफल पर हुई थी कार्रवाई
  • कासना कोतवाली के प्रभारी बनाए गए दारोगा रामफल छह माह पहले सलारपुर चौकी प्रभारी थे।
  • उनपर एक युवती को अवैध हिरासत में रखने व पिटाई का आरोप लगा था। जिसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद जांच हुई थी। साथ ही रामफल को चौकी से हटा दिया गया था।

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