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गैस चैंबर में तब्दील हुई दिल्ली, NASA का खुलासा- पंजाब-हरियाणा में जलाई जा रही पराली

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर द्वारा बताया गया है कि पराली जलाने के कारण दिल्ली में पहुंचे प्रदूषक कणों से दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर दर्ज हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 08:22 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 11:24 AM (IST)
गैस चैंबर में तब्दील हुई दिल्ली, NASA का खुलासा- पंजाब-हरियाणा में जलाई जा रही पराली

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने के साथ ही आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण बढ़ने का ठीकरा पड़ोसी राज्यों पर फोड़ा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन (National Aeronautics and Space Administration) की सैटेलाइट से जारी तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि 24 घंटे में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इसकी वजह से ही दिल्ली गैस के चैंबर के रूप में बदल गई है।

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दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि पंजाब एवं हरियाणा राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। सोमवार को जहां 1654 जगहों पर पराली जलाई गई थी। वहीं, मंगलवार को यह संख्या 2577 पहुंच गई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर द्वारा बताया गया है कि पराली जलाने के कारण दिल्ली में पहुंचे प्रदूषक कणों की वजह से इस वर्ष दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर दर्ज हो सकता है। हवा उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही है। इससे प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।

AAP प्रवक्ता का दावा, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने में हुआ इजाफा

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में इस साल पराली जलाने के मामलों में वृद्धि हुई है। इसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं इस समस्या के समाधान को लेकर केंद्र व पड़ोसी राज्य की सरकारों द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और सभी शांत बैठे हैं।

दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई है। इससे दिल्ली एक गैस चैंबर बन गई है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले साल 27 अक्टूबर तक पराली जलने की घटनाएं 9,600 दर्ज की गई थीं, जबकि इस साल यह आंकड़ा 12,027 हो गया है। पराली जलाने के बढ़ते मामलों के कारण ही प्रदूषण में वृद्धि हुई है।

पांडेय ने कहा कि प्रदूषण दिल्ली के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। 26 और 27 अक्टूबर को पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 26 अक्टूबर को 2,805 मामले दर्ज किए गए थे, 27 अक्टूबर को यह संख्या 2,231 अंक को छू गई।

निगमों ने किए 312 चालान

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बाद निगमों की कार्रवाई और तेज हो गई है। दिल्ली के तीनों नगर निगम प्रदूषण प्रदूषण फैलाने वालों पर ज्यादा से ज्यादा जुर्माना लगा रहे हैं। इसी के तहत निगम ने सोमवार को 312 लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की है। सर्वाधिक चालान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने किए हैं। निगम के मुताबिक 184 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसमें कूड़ा जलाने के लिए 56 वहीं 3 चालान निर्माणधीन साइट पर धूल उड़ने, मलबा डालने पर 14 और सड़क पर उड़ने वाली धूल के लिए 123 चालान किए गए हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 113, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 15 लोगों के खिलाफ चालान किया।

वहीं, अरविंद केजरीवाल (मुख्यमंत्री, दिल्ली) का कहना है कि दिल्लीवासियों की ओर से मेरी पंजाब, हरियाणा की सरकारों से हाथ जोड़ कर अपील है कि तुरंत कुछ ठोस कदम उठाएं व दिल्ली को गैस चैंबर बनने से बचाएं। प्रदूषण नियंत्रण का हमारा प्रयास जारी रहेगा।

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