अब कागजों में नहीं बल्कि डिजिटल होगा दिल्ली का मैप
अभी तक कागजों में सिमटा दिल्ली का नक्शा पहली बार डिजिटल होने जा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा तैयार कराए जा रहे हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। अभी तक कागजों में सिमटा दिल्ली का नक्शा पहली बार डिजिटल होने जा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा तैयार कराए जा रहे इस डिजिटल नक्शे के जरिये सिर्फ 160 क्लिक से पूरी राजधानी को देखा जा सकेगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि जहां एक क्लिक पर सभी आवासीय कॉलोनियां सामने होंगी तो दूसरे क्लिक पर आपको पूरी दिल्ली के मार्केट दिखाई दे जाएंगे। नक्शे को ड्रोन और जीआइएस मैपिंग जैसी तकनीकों से तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि देश की राजधानी होने के बावजूद दिल्ली की कोई डिजिटल मैपिंग आज तक नहीं की गई है। इसीलिए मास्टर प्लान होने के बावजूद किसी भी विभाग के पास दिल्ली के वर्गीकरण व यहां की सुविधाओं के बारे में कोई प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती। इसी के चलते हजारों जलाशय लुप्त हो गए तो अनगिनत जगह अवैध कब्जे हो रखे हैं। सीवर, बिजली, पानी के नेटवर्क की क्या स्थिति है, इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसीलिए डीडीए ने इसके लिए पूरी तैयारी की है।
जानकारी के मुताबिक डीडीए ने दिल्ली का डिजिटल मैप तैयार करने के लिए आइआइटी रुड़की( IIT Roorkee) से करार किया है। आइआइटी रुड़की डीडीए को इस मैंपिंग का एक पूरा प्रारूप बनाकर देगी और दिल्ली के कुछ हिस्सों की मैपिंग भी उपलब्ध कराएगी। बाकी दिल्ली के लिए डीडीए कुछ निजी एजेंसियों की सेवाएं लेगा। अधिकारियों के मुताबिक यह डिजिटल मैप 160 लेयर का होगा। मतलब यह कि मैपिंग में दिल्ली को 160 हिस्सों में बांट दिया गया है।
अगर आप आवासीय कॉलोनियों पर क्लिक करेंगे तो दिल्ली की तमाम आवासीय कॉलोनियों की सूची आ जाएगी। मार्केट पर क्लिक करेंगे तो दिल्ली की सभी मार्केट की जानकारी और लोकेशन खुल जाएगी। सड़कों पर क्लिक करेंगे तो सड़कों का नेटवर्क सामने आ जाएगा। बिजली-पानी नेटवर्क पर क्लिक करेंगे तो उसकी सारी जानकारी आ जाएगी। सिनेमा हॉल, ऐतिहासिक स्थल, पार्क, अस्पताल, कॉलेज, गांव, खाली प्लॉट, अदालत, पार्टी दफ्तर। कुछ भी क्लिक करेंगे तो उससे संबंधित विस्तृत जानकारी आपके कम्प्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी।
बताया जाता है कि इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है। ड्रोन और जीआइएस मैपिंग की सहायता से डिजाइन तैयार हो रही है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की स्वीकृति भी मिल चुकी है। अधिकारी बताते हैं कि इस डिजिटल मैप को तैयार करने में तकरीबन एक वर्ष का समय लगेगा और इस पर 10 करोड़ से अधिक का खर्च होने का अनुमान है।
वर्ष भर में दिल्ली का 160 लेयर वाला डिजिटल मैप तैयार हो जाएगा। यह मैप हर किसी के लिए उपयोगी साबित होगा। दिल्ली का पुनर्विकास करना भी इसके जरिये काफी आसान हो जाएगा। किसी भी परियोजना पर काम करते हुए यह पता रहेगा कि कहां क्या अड़चन है और कहां क्या सुविधा है।