दिल्लीवालों को राहत, अब DTC के डिपो में कराएं प्रदूषण की जांच; लंबी लाइन से मिलेगी मुक्ति
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। इसे दूर करने के लिए परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही समस्या के मद्देनजर दिल्लीवासियों के लिए डीटीसी के डिपो और टर्मिनलों में चल रहे जांच केंद्रों को भी जनता के लिए खोल दिया है। अब यहां पर निजी वाहन चालक भी प्रदूषण जांच करा सकेंगे। इसके साथ ही दिल्ली में प्रदूषण जांच केंद्रों को भी बढ़ाया जाएगा। यह जानकारी परिवहन मंत्री ने दी है।
लोगों की परेशानी खत्म करने के लिए किया ऐलान
बुधवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। इसे दूर करने के लिए बुधवार को परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक करोड़ 10 लाख से अधिक वाहन हैं। इसमें करीब 40 लाख वाहन (डीजल वाले 10 साल, पेट्रोल वाले 15 साल पुराने) पुराने हैं। करीब 70 लाख वाहनों में यूरो फोर के पहले के वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र तीन माह के लिए और यूरो फोर के बाद वाले वाहनों के लिए एक साल का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले प्रतिदिन करीब 15 हजार प्रदूषण प्रमाण पत्र बनते थे, अब यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 45 हजार को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं जिनसे दिल्लीवालों को राहत मिलेगी। परिवहन आयुक्त और मंडलायुक्त को आदेश दिए गए हैं कि जिन केंद्रों पर बहुत अधिक भीड़ है वहां पर चार से पांच सिविल डिफेंस कार्यकर्ताओं को भी तैनात किया जाए।
खोले जाएंगे नए केंद्र
दिल्ली में प्रदूषण प्रमाण पत्र केंद्र बनाने के लिए नए केंद्र खोले जाएंगे। मंत्री ने बताया कि नए सेंटर खोलने के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा। इस संबंध में विज्ञापन भी निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत के आधार पर उक्त जगहों पर सेंटर खोले जाएंगे, जहां ज्यादा भीड़ हैं या ज्यादा मांग आ रही है।
दो केंद्रों पर कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि दो केंद्रों से अधिक पैसे लेने की शिकायत मिली थी, सरकार ने इन दोनों जांच केंद्रों पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यदि भविष्य में ऐसी कोई शिकायत मिलेगी तो और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यहां प्रतिदिन बने 22 सौ से अधिक प्रमाण पत्र
एक सितंबर के बाद मंगोलपुरी में डीडीए सब डिस्टिक सेंटर, नोएडा मथुरा रोड पर सविता सर्विस सेंटर, महानंद माई मार्ग पर, आइपी स्टेट, कालकाजी एक्सटेंशन, गीता कॉलोनी, झरोंदा माजरा, नजफगढ़, नांगलोई रोड सहित अन्य जगहों पर प्रतिदिन 22 सौ से अधिक प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। राजधानी में फिलहाल 941 प्रदूषण जांच केंद्र हैं।
अब सर्वर नहीं करेगा परेशान
पिछले 11 दिनों से परेशान कर रहे सर्वर की समस्या बृहस्पतिवार से दूर हो जाएगी। दिल्ली सरकार ने सर्वर की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। अभी तक प्रति घंटे 3260 प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जा रहे थे। लेकिन मांग बढ़ने के बाद सर्वर डाउन होने लगा। इसे देख सर्वर की क्षमता को दोगुना कर दिया है। अब छह हजार प्रदूषण प्रमाण पत्र प्रति घंटे बनाए जा सकेंगे।