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कुख्यात अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर यूपी से गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कुख्यात अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर पंकज उपाध्याय को बरेली स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है। पंकज ने पत्नी का उपचार कराने के वास्ते एक महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत ली थी। लेकिन उसने समर्पण नहीं किया था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:00 PM (IST)
कुख्यात अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर यूपी से गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
ट्रायल के दौरान 2018 से फरार था पंकज उपाध्याय

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कुख्यात अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर पंकज उपाध्याय को बरेली स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है। मेडिकल ग्राउंड पर उसे एक महीना के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद उसने समर्पण नहीं किया और ट्रायल के दौरान फरार हो गया था। पुलिस आयुक्त ने इसकी गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम रख दिया था। कोर्ट ने भी इसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। डीसीपी क्राइम ब्रांच मोनिका भारद्वाज के मुताबिक पंकज उपाध्याय के पिता बरेली में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। उसने पहले बरेली के ही ड्रग तस्कर जावेद के लिए बरेली में छोटे स्तर पर ड्रग तस्करी करना शुरू किया।

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2003 में गजरौला पुलिस ने उसे 10 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। उस मामले में 2009 तक जेल में रहने के बाद वह बाहर आ गया। तस्करी के धंधे में भारी मुनाफा देखकर उसने फिर जावेद जे संपर्क कर सिंडिकेट तैयार किया व घंधे में दोबारा से सक्रिय हो गया। बाद में पंकज व जावेद अच्छी रकम जुटाने के लिए इंफाल मणिपुर के आशिक इलाही और झारखंड निवासी प्रयाग यादव के संपर्क में आया ताकि बड़ी मात्रा में खेप प्राप्त की जा सके। पंकज व जावेद, आशिक इलाही द्वारा उपलब्ध कराए गए अलग-अलग खातों में कैश ट्रांसफर करने के लिए और 4-5 दिनों के बाद बरेली में आशिक इलाही के विभिन्न वाहकों के माध्यम से अपनी खेप पहुंचाई। अपनी खेप प्राप्त करने के बाद वे दिल्ली और बरेली के विभिन्न हिस्सों में इसकी आपूर्ति करते थे। बाद में, पैसे कमाने और अपने सिंडिकेट का विस्तार करने के लिए, उन्होंने आशिक इलाही के साथ साझेदारी में जमीन लीज पर ली और इंफाल, मणिपुर में अफीम की खेती शुरू कर दी।

पंकज ने अपने सिंडिकेट के साथ मिलकर वर्ष 2014 तक वैश्विक स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी की। 2014 में स्पेशल सेल ने जावेद खान उर्फ ​​राकेश, आशिक इलाही, प्रयाग यादव, गणपत, धर्मराज, चंद्रशेखर और शमी उर्फ ​​भुज्जी की गिरफ्तारी से पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था. जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पंकज व उसके साथियों के बीच मुख्य आपूर्तिकर्ता आशिक अली, नूरुल हक व जलालुद्दीन से 3 करोड़ से अधिक का वित्तीय लेन-देन किया गया था।

पंकज ने पत्नी का उपचार कराने के वास्ते एक महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत ली थी। लेकिन उसने समर्पण नहीं किया। पंकज अभी भी जावेद के संपर्क में है और नशीले पदार्थों की तस्करी के सिंडिकेट को सक्रिय रूप से संचालित कर रहा है। उत्तरी भारत में खपत होने वाली भारी मात्रा में हेरोइन मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से आ रही है। आशिक अली, नूरुल हक, जलालुद्दीन, जावेद उर्फ ​​राकेश और गणपत नाम के सहयोगियों को भी भगोड़ा घोषित किया गया है।एसीपी राजेश कुमार, व इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा के नेतृत्व में हवलदार यशवीर की टीम ने पंकज को बरेली स्थित उसके घर से उस समय दबोच लिया जब वह बोलेरो से घर आया था।


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