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Delhi NCR Pollution: 2021 की शुरुआत ही नहीं, बल्कि वसंत ऋतु भी खासी प्रदूषित रही

Delhi NCR Pollution News 2020 में आंशिक लॉकडाउन 12 मार्च को 25 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन के साथ शुरू हुआ जिसे 18 मई से चरणबद्ध तरीके से हटाया गया। आंशिक लॉकडाउन पीएम 2.5 के स्तर को 20 फीसद नीचे लाया लेकिन पूर्ण लॉकडाउन ने इसे 35 फीसद कम कर दिया।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 10:00 AM (IST)
Delhi NCR Pollution: 2021 की शुरुआत ही नहीं, बल्कि वसंत ऋतु भी खासी प्रदूषित रही

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 2021 की शुरुआत ही नहीं, बल्कि वसंत ऋतु भी खासी प्रदूषित रही है। वर्ष के शुरुआती तीन माह 2019 के बाद से सर्वाधिक प्रदूषित रहे। यह सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) के एक अध्ययन में। यह अध्ययन बताता है कि इस बार के लॉकडाउन ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार तो किया है, लेकिन पिछले साल की तरह प्रभावी ढंग से नहीं। वजह, 2021 के प्रतिबंध छोटे और कम कड़े होना। इस साल दिल्ली में प्रतिबंध छह अप्रैल को Night Curfew और सप्ताहांत के लॉकडाउन के रूप में शुरू हुए, जिसमें 19 अप्रैल को पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। आंशिक-लॉकडाउन लागू करने से पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर 20 फीसद तक कम हो गया। पूर्ण लॉकडाउन ने इस औसत को 12 फीसद और नीचे ला दिया। दूसरी तरफ 2020 में आंशिक लॉकडाउन 12 मार्च को, 25 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन के साथ शुरू हुआ, जिसे 18 मई से चरणबद्ध तरीके से हटा लिया गया। आंशिक लॉकडाउन पीएम 2.5 के स्तर को 20 फीसद तक नीचे लाया, लेकिन पूर्ण लॉकडाउन ने इसे 35 फीसद कम कर दिया।

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18 मई से प्रतिबंध हटाने पर पीएम 2.5 के स्तर में 28 फीसद की वृद्धि हुई।सीएसई ने यह भी कहा कि 2020 और 2021 में लाकडाउन ग्रीष्मकाल 2019 की गर्मियों की तुलना में 25 से 40 फीसद स्वच्छ रहा है। 2021 के वसंत (जनवरी-मार्च) ने 2019 के बाद से सीजन के लिए उच्चतम प्रदूषण स्तर दर्ज किया है। आमतौर पर पीएम 2.5 के स्तर में एक बड़ी वजह मौसमी चक्र होता है। सर्दी सबसे अधिक प्रदूषित होती है और मानसून का मौसम सबसे साफ होता है। वसंत (जनवरी से मार्च) दो चरम सीमाओं के बीच एक संक्रमणकालीन अवधि के रूप में कार्य करता है।पीएम 2.5 के स्तर में एक महत्वपूर्ण गिरावट तब होती है जब मौसम गर्म होता है और वसंत के दौरान हवा तेज हो जाती है। 2018 की सर्दियों और 2019 के वसंत के बीच 26 फीसद की गिरावट आई थी।

बता दें कि 2020 में प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कारण और मार्च 2020 में आंशिक लाकडाउन लागू होने के कारण यह गिरावट बढ़कर 36 फीसद हो गई। इस साल प्रदूषण जारी नहीं रहा, मौसमी गिरावट 18 फीसद तक सीमित रही। वास्तव में इस साल वसंत 2020 की तुलना में 31 फीसद और 2019 की तुलना में आठ फीसद अधिक प्रदूषण था। अध्ययन ने यह भी दिखाया कि इस फरवरी-मार्च में वायु गुणवत्ता के मामले में 27 दिन बहुत खराब श्रेणी वाले थे जबकि 2020 में 17 और 2019 में 12 दिन थे। वायु गुणवत्ता मानक को पूरा करने वाले दिनों ने भी इस वसंत ऋतु को केवल दो तक गिरा दिया। वर्ष 2020 में 16 और 2019 में छह दिन थे जब मानक पूरा हुआ।

मौसम विभाग के सभी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन आफलाइन\Bदिल्ली में मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के आठ वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (एक्यूएमएस) में से किसी ने भी पिछले दो महीनों में केंद्रीय सर्वर को डेटा नहीं दिया है। सीएसई के मुताबिक भले ही दिल्ली का निगरानी नेटवर्क 2020 के अंत तक 40 स्टेशनों तक बढ़ गया हो, लेकिन सक्रिय स्टेशनों की संख्या 32 रह गई है। वजह, मौसम विभाग के सभी स्टेशन ऑफलाइन हो गए हैं। बुराड़ी क्रॉ¨सग पर आइएमडी का स्टेशन पिछले साल दिसंबर से आफलाइन है जबकि आयानगर, सीआरआरआइ मथुरा रोड, आइजीआइ एयरपोर्ट, लोधी रोड, नॉर्थ कैंपस डीयू और पूसा स्टेशन 10 मार्च को ऑफलाइन हो गए थे।

सीएसई के मुताबिक आइएमडी के दो अन्य स्टेशन - ग्वाल पहाड़ी, गुरुग्राम और नोएडा सेक्टर 62 भी आफलाइन हो गए हैं। मालूम हो कि दिल्ली में 40 एक्यूएमएस में से 24 दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के हैं, छह सीपीसीबी के हैं और दो भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे के हैं। 


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