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सितंबर से शुरू हो रही है नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो, जानें- किसके हाथ होगी सुरक्षा की कमान

यूपी सरकार ने भारत सरकार के गृह विभाग को सीआइएसएफ तैनात करने के लिए लिखा पत्र। पहले इस कॉरिडोर पर पीएसी तैनात करने की थी योजना।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 02:20 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 03:16 PM (IST)
सितंबर से शुरू हो रही है नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो, जानें- किसके हाथ होगी सुरक्षा की कमान
सितंबर से शुरू हो रही है नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो, जानें- किसके हाथ होगी सुरक्षा की कमान

नई दिल्ली/नोएडा (जेएनएन)। अगले महीने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच शुरू होने वाली एक्वा लाइन मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के हवाले होगी। यूपी सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार के गृह विभाग को पत्र लिख जल्द से जल्द कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। पहले इस कॉरिडोर पर सुरक्षा के लिए पीएसी की विशेष बटालियन गठित कर उसे तैनात करने की योजना थी।

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यूपी सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 26 जुलाई 2018 को लखनऊ और नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा और संचालन को लेकर बैठक की गई थी। बैठक में यूपी पुलिस के डीजी समेत नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) और लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था सीआइएसएफ को सौंप दी जाए।

बैठक के बाद 14 अगस्त 2018 को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन अरविंद कुमार ने सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र के जरिए उन्होंने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में सुरक्षा व्यवस्था हेतु सीआइएसएफ को तैनात किया जाए। पत्र में उन्होंने ये भी बताया है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कॉरिडोर पर सितंबर-2018 से मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू करने की घोषणा की है। ऐसे में जल्द से जल्द सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ उपलब्ध कराई जाए।

सुरक्षा में बेहतर रहेगा तालमेल

मालूम हो कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था भी सीआइएसएफ ही संभाल रही है। नोएडा के सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन तक मौजूद मेट्रो ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था भी सीआइएसएफ के हवाले है। इसके अलावा सिटी सेंटर से सेक्टर-62 तक के निर्माणाधीन मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था भी भविष्य में सीआइएसएफ द्वारा संभाली जाएगी। ऐसे में नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था भी सीआइएसएफ को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इससे सुरक्षा व्यवस्था में बेहतर तालमेल बना रहेगा।

कुछ दिनों तक तैनात की जा सकती है पीएसी

मालूम हो कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था शुरू से पीएसी की विशेष बटालियन बनाकर उसे सौंपनी की योजना थी। अब संचालन शुरू होने से एक माह पहले इस पर सीआइएसएफ तैनात करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में हो सकता है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इस कॉरिडोर पर सीआइएसएफ को तैनात करने में वक्त लग सकता है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि अगर एक माह में गृह मंत्रालय द्वारा कॉरिडोर पर सीआइएसएफ तैनात करने की मंजूरी नहीं मिली तो मंजूरी मिलने तक कुछ समय के लिए मौजूदा पीएसी फोर्स को ही कॉरिडोर की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा।

अभी भूतपूर्व सैनिक संभाल रहे सुरक्षा

नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर की सुरक्षा पर अब तक निर्णय न हो पाने के कारण फिलहाल भूतपूर्व सैनिक इसकी सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। एनएमआरसी ने यूपी सैनिक कल्याण निगम के जरिए इस रूट पर फिलहाल 144 भूतपूर्व सैनिक तैनात किए हैं। संचालन शुरू होने के बाद और सीआइएसएफ द्वारा सुरक्षा संभाल लेने के बाद भूतपूर्व सैनिकों को हटाया जा सकता है।

अंतिम चरण में चल रहा ट्रायल

नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर पर अंतिम चरण का ट्रायल रन चल रहा है। इस दौरान ट्रैक की सुरक्षा, बिजली व्यवस्था, स्पीड लिमिट और सिग्नल आदि का परीक्षण किया जा रहा है। ट्रायल रन पूरा होने के बाद इस रूट पर मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। संचालन शुरू करने के लिए एनएमआरसी के पास अभी लगभग एक माह का वक्त है। इसी बीच इस कॉरिडोर पर सुरक्षा व्यवस्था और लोगों की चेकिंग आदि का भी बंदोबश्त किया जाना है।

एक्वा लाइन मेट्रो का संक्षिप्त परिचय

1. एक्वा लाइन मेट्रो के ट्रैक की कुल लंबाई 29.707 किलोमीटर है।

2. नोएडा सेक्टर-71 से ग्रेटर नोएडा के डेल्टा डिपो स्टेशन तक होगा संचालन। 3. कुल 21 मेट्रो स्टेशन होंगे एक्वा लाइन मेट्रो कॉरिडोर पर।

4. 15 मेट्रो स्टेशन नोएडा में और 6 मेट्रो स्टेशन ग्रेटर नोएडा में होंगे।

5. 95 किमी प्रति घंटा होगी अधिकतम रफ्तार। 35 किमी प्रतिघंटा की औसतर रफ्तार पर होगा संचालन।

6. चालक रहित होगी ट्रेन। 1034 यात्री एक बार में एक ट्रेन में कर सकेंगे सफर।

7. चार कोच की मेट्रो का संचालन होगा शुरूआत में। जरूरत पड़ने पर छह कोच तक किए जा सकते हैं।

8. 5,503 करोड़ रुपये है इस कॉरिडोर का बजट।

9. 5 अगस्त 2015 को शुरू हुआ था इस रूट का सिविल निर्माण कार्य।

10. 5 मेट्रो ट्रेनें डिपो में आ चुकी हैं। 6वीं मेट्रो ट्रेन आ रही है। 15 सितंबर 2018 तक सभी 11 मेट्रो ट्रेन डिपो पहुंच जाएंगी।

11. स्टेशन की बिजली की जरूरतें पूरी करने के लिए डिपो समेत सभी स्टेशन पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। केवल ट्रेन के संचालन के लिए अलग से बिजली का प्रयोग किया जाएगा।


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