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पार्क में नमाज पढ़ने पर शुरू हुए विवाद पर प्रशासन ने कहा- कंपनियां नहीं होंगी जिम्‍मेदार

नोएडा सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक स्थित पार्क में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया। इस पर प्रशासन ने कहा कि पब्‍लिक पॉर्क में नवाज पढ़ने के लिए कंपनियां जिम्‍मेदार नहीं होंगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 02:01 PM (IST)
पार्क में नमाज पढ़ने पर शुरू हुए विवाद पर प्रशासन ने कहा- कंपनियां नहीं होंगी जिम्‍मेदार
पार्क में नमाज पढ़ने पर शुरू हुए विवाद पर प्रशासन ने कहा- कंपनियां नहीं होंगी जिम्‍मेदार

नोएडा, जेएनएन। पार्क में नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद अब प्रशासन ने खराब हो रहे माहौल के डैमेज कंट्रोल करने में जुट गया है। जिला प्रशासन ने बताया कि पब्‍लिक पॉर्क में नमाज पढ़ने के लिए कंपनियां जिम्‍मेदार नहीं होंगी। बता दें कि दिल्‍ली से सटे नोएडा सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक स्थित पार्क में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया। इस विवाद के बाद लोगों में बढ़ते असंतोष के बाद प्रशासन इसकी भरपाई में जुट गया है।

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नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि कर्मचारियों के नमाज पढ़ने के लिए कंपनियां और बिजनेस हाउस जिम्‍मेवार नहीं होंगी। जिला प्रशासन कंपनियों से बात कर जल्‍द ही इस मामले में हो रही उलझन को सुलझा लेगा। वहीं पुलिस कप्‍तान अजय पाल शर्मा ने बताया कि नोटिस भेजने का मकसद किसी विशेष धर्म को मानने वालों की भावनाएं आहत करना नहीं है। यह किसी खास धर्म के लिए नहीं बल्‍कि सभी धर्म के लिए है।

कैसे शुरू हुआ विवाद
नोएडा के सेक्टर-58 स्थित एक पार्क में फरवरी 2013 से प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढ़ी जा रही थी। पहले इसमें शामिल होने वालों की संख्या कम थी, जो बीते कुछ दिनों से काफी बढ़ चुकी है। कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज राय ने बताया कि सात दिसंबर को स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इसमें कहा गया कि हर हफ्ते होने वाले इस धार्मिक आयोजन से उन्हें परेशानी हो रही है।

पुलिस की सख्‍ती के बाद मामले नेे पकड़ा तूल
पुलिस ने आयोजकों से कहा कि प्रशासन की अनुमति के बिना धार्मिक आयोजन नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति के लिए आवेदन किया है, जो अभी तक मिली नहीं है। इसके बावजूद 14 दिसंबर को लोग पार्क में नमाज पढ़ने के लिए जुटे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मुफ्ती नोमान अख्तर और आयोजक आदिल रशीद को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। इसके बाद 23 कंपनियों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर प्राधिकरण के पार्क में धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति की इजाजत नहीं मिलने की जानकारी दी।


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