Nizamuddin Markaz: मौलाना साद कभी भी हो सकता है गिरफ्तार, पुलिस को केंद्र की हरी झंडी का इंतजार
Nizamuddin tablighi jamaat markaz 28 मार्च को साद और उसके सभी करीबी निज़ामुद्दीन स्थित मरकज से फरार हो गए थे। तब से पुलिस किसी को भी मेन केस में गिरफ्तार नहीं किया है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने वाले तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद, प्रबंधन से जुड़े 6 मौलानाओं और अन्य की गिरफ्तारी अब कभी भी हो सकती है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लॉक डाउन खत्म होने का ही इंतजार कर रही थी। ऐसा इसलिए कि साद लॉक डाउन की आड़ में कोर्ट से अंतरिम जमानत ना ले ले।
पुलिस उसे कोई मौका नहीं देना चाह रही थी। लॉक डाउन खत्म होने के बाद पुलिस को अब गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। आदेश मिलते ही साद और अन्य को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मौलाना साद पर पुलिस की नजर
क्राइम ब्रांच का दावा है कि साद जाकिर नगर स्थित अपने घर में ही है। पुलिस की उस पर नजर है। पुलिस बार- बार उसे एम्स में कोरोना की जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने की बात कहती रही लेकिन उसने वहां जाकर टेस्ट नहीं कराया और उसका वकील जांच एजेंसी क्राइम ब्रांच को रिपोर्ट सौंपने के झूठे दावे करते रहे।
साद के अलावा मुकदमें में प्रबंधन से जुड़े जिन 6 अन्य मौलानाओं मौलाना मुहम्मद अशरफ, मुफ्ती शहजाद, डॉक्टर जीशान, मुर्श लीन सैफी, मुहम्मद सलमान और यूनुस के नाम है इन सबके भी दिल्ली में ही अपने अपने घरों में होने की बात कही जा रही है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि साद के 70 से ज्यादा करीबियों से पूछताछ की जा चुकी है। उसके बेटे से कई बार पूछताछ कर चुकी है।