Nithari Case: 11वें मामले में भी सुरेंद्र कोली को फांसी, कोर्ट ने लगाया 1.30 लाख रुपये जुर्माना
निठारीकांड के 11वें मामले में भी सीबीआइ कोर्ट ने अभियुक्त सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई।
गाजियाबाद, जेएनएन। निठारीकांड के 11वें मामले में भी सीबीआइ कोर्ट ने अभियुक्त सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई। अदालत के विशेष न्यायधीश अमितवीर सिंह ने कोली को बच्ची की गला दबाकर हत्या करने, दुष्कर्म का प्रयास करने, शव के टुकड़े-टुकड़े कर फेंकने के मामले में सजा सुनाई है।
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि नोएडा के निठारी गांव की रहने वाली 10 वर्षीय बच्ची अपने माता-पिता के साथ रहती थी। पिता कपड़ों को प्रेस करने का कार्य करते थे, जिसमें बच्ची भी मदद करती थी। 21 जून 2005 को बच्ची सुबह घर से कहकर निकली थी कि वह अपनी चुन्नी पर पीको कराकर आ रही है, जिसके बाद से वह घर नहीं लौटी।
परिजनों ने 23 जून 2005 को नोएडा सेक्टर-20 थाने में तहरीर दी। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए जांच शुरू की। इसके बाद निठारी की डी-5 कोठी में खुदाई के दौरान उनकी बच्ची के कपड़े, खोपड़ी, चप्पल और अन्य सामान बरामद हुए थे। इसमें बच्ची की खोपड़ी मिली थी, जिसका डीएनए का मिलान उसके परिजनों से हुआ। सीबीआइ ने 11 जनवरी 2007 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
पंधेर के छलके आंसू
सीबीआइ अदालत में 11वें मामले में अदालत ने जब पंधेर को बरी करने का फैसला सुनाया तो मोनिंदर सिंह पंधेर की आंखों से आंसू छलक आए। रुंधे गले से उसने थैंक्यू सर भी बोला, जबकि सुरेंद्र कोली चुपचाप ही नजर आया।