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दोषियों को डेथ वारंट जारी नहीं होने पर निर्भया की मां निराश, बोलीं- 'मेंरे साथ अन्याय हुआ'

Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन की उस याचिका को खारिज कर दिया है

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:18 PM (IST)
दोषियों को डेथ वारंट जारी नहीं होने पर निर्भया की मां निराश, बोलीं- 'मेंरे साथ अन्याय हुआ'
दोषियों को डेथ वारंट जारी नहीं होने पर निर्भया की मां निराश, बोलीं- 'मेंरे साथ अन्याय हुआ'

नई दिल्ली, जेएनएन। Nirbhaya Case: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें चारों दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा  के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई थी। कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां काफी निराश दिखीं। प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अदालत के पास शक्तियां हैं। दोषियों की कोई अर्जी पेंडिंग नहीं है फिर भी नया डेथ वारंट जारी नही किया गया। हमारे साथ अन्याय हुआ।

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तिहाड़ जेल की अर्जी को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि डेथ वारंट अनुमान पर नहीं तथ्यों के आधार पर जारी होता है। कानून अभी दोषियों को जिंदा रहने की अनुमति देता है।

दोषियों के वकील पर लगाया था गंभीर आरोप

इससे पहले एक फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी को अगले आदेश तक टाल दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद भी निर्भया की मां काफी मायूस दिखीं थीं। उन्होंने कहा था कि मुझे दोषियों के वकील एपी सिंह ने चुनौती दी है कि वह दोषियों का फांसी नहीं होने देंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि एपी सिंह ने कहा है कि फांसी की तारीख ऐसे ही आगे भी बढ़ती रहेगी। पत्रकारों से बात करते हुए निर्भया की मां रोने लगी थीं।

निर्भया की मां ने कहा था कि वह दोषियों को फांसी हर हाल में दिलाकर ही रहेंगी। उन्होंने कहा था कि फांसी की सजा दिलाने के लिए वह सात साल से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। जब तक सांस रहेगी तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।

कोर्ट ने सुनाई है फांसी की सजा

बता दें कि दिल्ली में साल 2012 में एक छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे देश में रोष फैल गया था। दिल्ली समेत देशभर में प्रदर्शन हुए और दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है।

दरअसल जेल मैनुअल के अनुसार, किसी एक अपराध के लिए घटना में शामिल दोषियों को अलग-अलग सजा नहीं दी जा सकती। दोषी इसी कानून का फायदा उठाते हुए अलग-अलग कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी को लंबे समय से टाल रहे हैं। जबकि निर्भया की मां की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाए।


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