Nirbhaya Case: फांसी से बचने के लिए दोषी विनय का एक और पैंतरा, पहुंचा दिल्ली हाई कोर्ट
Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषी विनय शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा कर फांसी से बचने के लिए एक और कोशिश की है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2012 Delhi Nirbhaya case: साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने फांसी से बचने के लिए एक और पैंतरा चला है। विनय ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा खारिज की गई उसकी दया याचिका में प्रक्रियात्मक खामियां और संवैधानिक अनियमितताएं थीं।
विनय शर्मा के अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि याचिका हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में दायर की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि दया याचिका को खारिज करने के लिए राष्ट्रपति को भेजी गई सिफारिश में दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं थे। विनय की दया याचिका 1 फरवरी को राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी।
याचिका में दिया ये तर्क
याचिका के अनुसार जब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाया गया था तब केंद्र ने तर्क दिया था कि वॉट्सऐप पर जैन के हस्ताक्षर प्राप्त किए गए थे। याचिका में दावा किया गया कि जब दया याचिका दायर की गई तब आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी। चुनाव की घोषणा होने के साथ सत्येंद्र जैन प्रत्याशी थे और वह बतौर गृह मंत्री अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते थे।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दया याचिका को खारिज करने के लिए इस्तेमाल की गई शक्तियां गैरकानूनी, असंवैधानिक और भारत के चुनाव आयोग के संवैधानिक मूल्यों का हनन है। याचिकाकर्ता ने मांग की कि उसकी याचिका पर उचित कानूनी संज्ञान लें।
20 मार्च को होनी है फांसी
5 मार्च को निचली अदालत ने निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन कुमार गुप्ता के खिलाफ 20 मार्च के लिए डेथ-वारंट जारी किया है। 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ चारों दोषियों ने वसंत विहार इलाके में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में इलाज के दौरान सिंगापुर में निर्भया की मौत हो गई थी।