Nirbhaya Case: दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा-मृत्यु, निर्भया के पैरेंट्स को भी दी पत्र की कॉपी
Nirbhaya Case निर्भया मामले में चारों दोषियों के स्वजनों ने वकील एपी सिंह के जरिये राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांगी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Nirbhaya Case : निर्भया मामले में चारों दोषियों के स्वजनों ने वकील एपी सिंह के जरिये राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांगी है। पत्र में उन्होंने कहा है कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में दोषियों को फांसी होने के बाद उनके जीने का कोई मतलब नहीं है। इस मांग पत्र की प्रति दोषियों की ओर से निर्भया के माता-पिता को भी भेजी गई है।
स्वजन बोले, फांसी से खड़ा हो जाएगा भरण-पोषण का संकट
पत्र में मुकेश के स्वजनों ने राष्ट्रपति से कहा कि मुकेश द्वारा भेजे जाने वाले पैसों से परिवार का भरण-पोषण होता है। मुकेश की मौत के बाद उनका सहारा खत्म हो जाएगा। इसी प्रकार से अन्य दोषियों के स्वजनों ने भी आर्थिक संकट होने का हवाला देते हुए खुद के लिए इच्छा मृत्यु मांगी है।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय) को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया है। कोर्ट द्वारा जारी चौथे डेथ वारंट के मुताबिक आगामी 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों को एक साथ फांसी की सजा दी जानी है।
फांसी की तारीख (20 मार्च)नजदीक आती देख निर्भया के दोषी बचने के लिए फिर से नए-नए पैंतरे चल रहे हैं। मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोबारा क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी है, जिस पर कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। दूसरी ओर, चारों दोषियों के स्वजनों ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांगी है।
16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्र निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस दौरान दोषियों ने इतनी दरिंदगी की थी कि निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई है। चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं और राष्ट्रपति भी उनकी दया याचिका खारिज कर चुके हैं। निचली अदालत ने चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिए 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे का वक्त तय कर रखा है।
मौत की तारीख नजदीक आती देख दोषी अलग-अलग जगह नई-नई अर्जियां दाखिल कर रहे हैं। इसी क्रम में मुकेश ने अपनी पुरानी वकील पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में उसने कहा है कि पुरानी वकील ने उसे कोर्ट के आदेश का भय दिखाकर उससे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए और सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर दी। इसके अलावा राष्ट्रपति के सामने भी दया याचिका दाखिल कर दी। जिसके बाद दोनों जगहों से उसकी याचिका खारिज हो गईं। मुकेश का कहना है कि उसके पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल का समय था, फिर भी उसकी वकील ने सबसे पहले उसकी क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर दी। मुकेश ने पुरानी वकील के खिलाफ जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से नई क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी है। मुकेश ने अपना वकील बदल लिया है और यह याचिका वकील एमएल शर्मा के जरिये दाखिल की है।
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