Nirbhaya case: फांसी से बचने के लिए पवन की एक और चाल, सुप्रीम कोर्ट में किया नाबालिग होने का दावा
Nirbhaya Case याचिका में पवन के वकील ने दावा किया है कि दोषी ने जब यह अपराध किया तो वह नाबालिग था। ऐसे में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया जाए।
नई दिल्ली, एएनआइ। Nirbhaya Case : तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार) को दी जाने वाली फांसी में 48 घंटे से भी कम का समय बचा है। वहीं, फांसी से बचने के लिए चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta) ने एक और पैंतरा चला है। पवन ने अपने वकील के जरिये मंगलवार को एक और सुधारात्मक याचिका (Curative Petition) सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर रहम की गुहार लगाई है। इस याचिका में पवन के वकील ने दावा किया है कि दोषी ने जब यह अपराध किया तो वह नाबालिग था। ऐसे में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया जाए।
SC में दूसरी बार दायर की है पवन ने सुधारात्मक याचिका
यहां पर बता दें कि दोषी पवन कुमार गुप्ता ने अपने नाबालिग होने का दावा करते हुए दूसरी बार सुधारात्मक याचिका दायर की है। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट पवन की सुधारात्मक याचिका खारिज कर चुका है।
वहीं, एक अन्य दोषी अक्षय फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजने की कोशिश में है। इस बाबत उसने एक दया याचिका तिहाड़ जेल प्रशासन के पास भेजी है, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजने की गुजारिश की गई है। माना जा रहा है कि इसे पहले दिल्ली सरकार के पास भेजा जाएगा, इसके बाद दिल्ली सरकार के जरिये यह याचिका राष्ट्रपति तक पहुंचेगी।
यह भी जानें
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी चौथे डेथ वारंट के मुताबिक, 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी।
फांसी से पहले चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा के बारे में पूछा गया है, लेकिन चारों की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
चारों को फांसी देने के लिए मेरठ से जल्लाद पवन मंगलवार शाम को ही तिहाड़ जेल पहुंचा और बुधवार को वह फांसी का ट्रायल करेगा।