Nirbhaya Case: 7 साल बाद फिर चर्चा में आरोपित राम सिंह की आत्महत्या का मामला
2012 Delhi Nirbhaya case निर्भया मामले में आरोपित राम सिंह द्वारा वर्ष 2013 तिहाड़ जेल में आत्महत्या करने के मामले में नया मोड़ आ गया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। 2012 Delhi Nirbhaya case: निर्भया मामले में आरोपित राम सिंह द्वारा वर्ष, 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को वरिष्ठ वकील एपी सिंह (Senior Advocate AP Singh) ने इस मामले को लेकर नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (National Human Rights Commission) का दरवाजा खटखटाया है। इसी के साथ वकील ने राम सिंह को मुआवजा देने की भी मांग की है।
यहां पर बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में वर्ष 2013 में आरोपित राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगा ली थी। इस मामले में तिहाड़ जेल के पूर्व विधि अधिकारी सुनील गुप्ता सवाल भी उठाया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था कि जेल में एक छोटे से सेल में आरोपित राम सिंह कैसे आत्महत्या कर सकता है, जब उसके अलावा सेल में कोई और नहीं हो। सुनील गुप्ता ने अपनी पुस्तक 'ब्लैक वारंट' में इस बात की पूरी आशंका जताई थी कि राम सिंह की हत्या की गई होगी।
सुनील गुप्ता के मुताबिक, जब 11 मार्च 2013 की सुबह राम सिंह के बारे में सुना कि उसने अपने सेल में आत्महत्या कर ली है तो उन्हें बेहद आश्चर्य हुआ कि कैसे एक शख्स अकेले सेल में बंद होने के बावजूद आत्महत्या कर सकता है।
यह भी जानिए
- सुनील गुप्ता ने राम सिंह की आत्महत्या को लेकर सवाल उठाए थे
- राम सिंह की आत्महत्या से जुड़ी पोस्टमार्टम में लिखा था कि राम सिंह के शरीर में एल्कोहल की मात्रा थी।
- सवाल यह भी उठता है कि राम सिंह के पास एल्कोहल कहां से आया। जाहिर है उसे शराब पिलाई गई होगी।
- फर्श और छत के बीच करीब 12 फीट का फासला होने पर कोई कैसे फांसी लगा सकता है।
- राम सिंह के पिता ने भी आत्महत्या को मानने से इनकार कर दिया था।
- पिता के मुताबिक, राम सिंह की जेल में कई बार पिटाई हुई थी और उसे परेशान भी किया जाता था।