कूड़े की समस्या को लेकर एनजीटी सख्त, अधिकारियों की लगाई क्लास
क्षेत्र में कूड़े की समस्या को लेकर मांगी गई रिपोर्ट पेश न करने पर एनजीटी ने प्रदेश के प्रमुख सचिव और नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को जमकर फटकार लगाई है।
लोनी, जागरण संवाददाता। क्षेत्र में कूड़े की समस्या को लेकर मांगी गई रिपोर्ट पेश न करने पर एनजीटी ने प्रदेश के प्रमुख सचिव और नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को जमकर फटकार लगाई है। अधिकारियों को डंपिंग ग्राउंड के पास सीसीटीवी कैमरे, गाडिय़ों में जीपीएस सिस्टम और शिकायत निवारण निगरानी समिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
पूर्व विधायक मदन भैया द्वारा क्षेत्र के कूड़ा निस्तारण, खुले में कूड़ा ले जाने जैसी जनहित से जुड़ी समस्याओं को लगातार उठाया जा रहा था। अधिवक्ता एम. फातमी ने जनहित से जुड़ी इन समस्याओं को लेकर एनजीटी में एक याचिका दायर की थी। 26 फरवरी को तारीख पर पहुंचे नगर विकास उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, संजय कुमार, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को एनजीटी ने फटकार लगाई। साथ ही 17 बिंदुओं का आदेश पारित किया।
एनजीटी ने कहा कि पूर्व में आदेश पारित करने के बावजूद ट्रिब्युनल रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई। आदेशों का उल्लंघन करने पर सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई क्यों न की जाए।
स्वच्छ पर्यावरण लोगों का मौलिक अधिकार है। इसके बावजूद स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एनजीटी ने आदेश किए कि कूड़ा डंपिंग साइट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए।
डोर टू डोर कलेक्शन पब्लिक शिकायत निवारण समिति का गठन किया जाए। यदि कोई अधिकारी निकाय पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करता है तो अधिकारी की एसीआर प्रतिकूल प्रविष्टि की जाएगी। एनजीटी ने सभी राज्यों में एक माह के भीतर पर्यावरण निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किए जाने के निर्देश दिए हैं।