Move to Jagran APP

NGT ने DGCA को चेताया, विमान से गिरा मल तो रोक देंगे वेतन

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने चेतावनी दी है कि अगर इसी महीने की 31 अगस्त तक आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो डायरेक्टर जनरल का वेतनमान रोक दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 06:42 PM (IST)
NGT ने DGCA को चेताया, विमान से गिरा मल तो रोक देंगे वेतन
NGT ने DGCA को चेताया, विमान से गिरा मल तो रोक देंगे वेतन

नई दिल्ली (प्रेट्र)। दिल्ली के घरों पर विमान से मानव मल गिराने के मामले में नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) के रुख को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाराजगी जताई है। इसके साथ एनजीटी ने डीजीसीए को आगाह किया है कि भविष्य में ऐसा नहीं हो। वहीं, बार-बार ऐसा होने पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है और साथ ही डीजीसीए को फटकार भी लगाई है।

loksabha election banner

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने चेतावनी दी है कि अगर इसी महीने की 31 अगस्त तक आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो डायरेक्टर जनरल का वेतनमान रोक दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले 21 मई को हुई सुनवाई में डीजीसीए ने कहा था कि विमानों की उड़ान के दौरान आसमान में अपशिष्ट गिराना संभव नहीं है। इसी के साथ डीजीसीए ने एनजीटी में एक याचिका भी दायर की थी। 

दरअसल इससे पहले एनजीटी ने निर्देश दिया था कि वह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (IGIA) से उड़ान भरने वाले सभी एयरलाइनों को एक परिपत्र जारी करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आसमान में अपने विमानों के शौचालयों की टंकी खाली नहीं करें। 

गौरतलब है कि एक शख्स ने एनजीटी में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 2016 में दिवाली से पहले उनके दक्षिण दिल्ली स्थित आवास पर विमान से मानव अपशिष्ट गिरा था, जिसके बाद अधिकरण ने डीजीसीए को निर्देश दिया था कि वह सभी एयरलाइनों को यह परिपत्र जारी करे कि यदि इस तरह की गतिविधि में उनके विमान संलिप्त पाए गए तो उन्हें पर्यावरण मुआवजा के तौर पर 50 हजार रुपये अदा करने होंगे। 

जानें क्या है पूरा मामला
वर्ष, 2017 में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGIA) के नजदीक रहने वाले सैन्य अधिकारी ले. जनरल सतवंत सिंह दहिया ने एनजीटी में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विभिन्न एयरलाइनें विमानों से मानव मल हवा में छोड़ देती है जो आसपास के मकानों की छत पर गिरता है। उनके मकान की छत पर भी किसी विमान से इसी तरह मानव मल गिराया गया था। लिहाजा दोषी एयरलाइनों पर कड़ी कार्रवाई करने तथा मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने के लिए भारी जुर्माना लगाए जाने का अनुरोध किया था।

इस पर एनजीटी ने एक समिति का गठन कर छत से मल का नमूना लेने तथा ये पता लगाने को कहा था कि मल मनुष्य का है या चिडि़यों का। समिति में डीजीसीए, सेंट्रल एविएशन रिसर्च इंस्टीट्यूट तथा सीपीसीबी के सदस्य शामिल किए गए थे। सुनवाई दौरान डीजीसीए का कहना था कि विमानों के टायलेट से आसमान में मल गिराना असंभव है। अवश्य ही ये चिड़ियों की बीट होगी जिसे सैन्य अधिकारी ने विमान से छोड़ा गया मानव मल समझ लिया है। हालांकि सीपीसीबी ने उक्त नमूने में मानव मल में पाए जाने वाले कोलीफार्म जीवाणु पाए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.