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दिल्ली फार्म हाउस फायरिंग : पार्टी में मौजूद मेहमानों से बातचीत में आया नया ट्विस्ट

जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व विधायक के डर से पहले तो न्यू ईयर पार्टी के मेहमानों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था, लेकिन जो जवाब मिले वे विरोधाभाषी हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 01:49 PM (IST)
दिल्ली फार्म हाउस फायरिंग : पार्टी में मौजूद मेहमानों से बातचीत में आया नया ट्विस्ट
दिल्ली फार्म हाउस फायरिंग : पार्टी में मौजूद मेहमानों से बातचीत में आया नया ट्विस्ट

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के फार्म हाउस में हुई हर्ष फायरिंग के मामले में अर्चना गुप्ता की मौत को  लेकर पुलिस के दबाव के बाद कुछ मेहमानों ने मुंह तो खोला है, लेकिन उनके बयान अलग-अलग आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस की परेशानी बढ़ गई है।

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जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व विधायक के डर से पहले तो न्यू ईयर पार्टी के मेहमानों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था। हालांकि आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद वह पुलिस के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हुए, लेकिन सभी अलग -अलग बयान दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के लिए दोपहर में जिन लोगों ने टेंट लगाया था। उनमें शामिल रहा एक नाबालिग पार्टी में भी मौजूद था। उसने पुलिस को बताया कि पार्टी में शुरू से ही राजू ने पिस्तौल ले रखी थी। हालांकि, गोली तब चलाई जब लोग शराब पीकर डांस कर रहे थे।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घटनाक्रम को लेकर जो जानकारी पूर्व विधायक से पूछताछ के दौरान मिली है, उससे कुछ अलग जानकारी अन्य लोगों के बयान से सामने आई है। इस वजह से पुलिस म्यूजिक सिस्टम चलाने वाले युवकों के बयान को महत्वपूर्ण मान रही है।

घटना के बाद मेहमानों से बात करते दिखे राजू सिंह
सीसीटीवी की फुटेज में एक जगह पूर्व विधायक और उनका चालक म्यूजिक सिस्टम वाले युवकों से बात करते दिखाई दिए। इसमें राजू के हाथ में पिस्तौल है और वह म्यूजिक सिस्टम वाले युवकों को कुछ समझा रहे हैं।

टेंट कर्मियों और म्यूजिक सिस्टम चला रहे युवकों से हुई पूछताछ
पुलिस ने पूर्व विधायक की न्यू ईयर पार्टी में म्यूजिक सिस्टम चला रहे दो युवकों से पूछताछ की है। इसमें घटना का विस्तृत ब्योरा लिया गया है। पुलिस अब दोनों युवकों को राजू के सामने बैठाकर भी पूछताछ कर सकती है, ताकि क्रॉस चेक करके सच्चाई का पता लगाया जा सके।

दिल्ली पुलिस ने मांगे राजू के पुराने रिकॉर्ड
पूर्व विधायक राजू सिंह की परेशानियां फिलहाल कम होने वाली नहीं लग रही हैं। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने उन पर शिकंजा कसने की कवायद तेज कर दी है। दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने मुजफ्फरपुर पुलिस से पूर्व विधायक की गतिविधि व पुराने रिकॉर्ड के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।

नक्सलियों के निशाने पर भी रहे राजू सिंह
मुजफ्फरनगर संवाददाता के मुताबिक, साहेबगंज के पूर्व विधायक राजू सिंह नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं। नक्सलियों से उन्हें कई बार हत्या की धमकी भी मिल चुकी है। इसके मद्देनजर उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

राजू का फिलहाल किसी राजनीतिक दल से नहीं था सीधा रिश्ता
पूर्व विधायक राजू सिंह अभी किसी राजनीतिक दल में सक्रिय नहीं हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे, इसलिए कई दलों के संपर्क में थे। दिल्ली की यात्रा भी इसी इरादे से थी। लेकिन, दक्षिण दिल्ली के फार्म हाउस पर जश्न के दौरान चली गोली ने उन्हें हत्या का आरोपित बना दिया। इसके साथ ही फिलहाल चुनाव लड़ने पर विराम लग गया।

फायरिंग की खबर आते ही राजू सिंह की दलीय सदस्यता को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। राजद उन्हें जदयू का सदस्य बता रहा है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि वह हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के सदस्य हैं। मकसद यह बताना है कि हम अब महागठबंधन का हिस्सा है। राजू सिंह अब तक साहेबगंज (मुजफ्फरपुर, बिहार) से दो बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीते। 2005 में साहेबगंज विधानसभा सीट पर दो बार चुनाव हुए थे। दोनों में उनकी जीत हुई थी। फरवरी वाले चुनाव में लोजपा के टिकट पर जीते। अक्टूबर के चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से जीत हुई।

तीसरी बार 2010 में भी जदयू के विधायक बने। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच हुई तकरार के बाद राजू सिंह जदयू से अलग हो गए। उन्होंने मांझी का साथ दिया। 2015 के विधानसभा चुनाव के समय मांझी राजग में चले गए, लेकिन सीटों के बंटवारे के दौरान भाजपा ने साहेबगंज पर अपना दावा ठोक दिया। काफी मशक्कत के बाद भाजपा इस बात पर राजी हुई कि सीट हम के खाते में जाएगी, मगर सिंबल भाजपा का रहेगा। इसी समझौते के तहत राजू भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े। उस चुनाव में राजद के रामविचार राय की जीत हुई।

हार के बाद राजू की दलीय गतिविधियां सिमट गई थीं, लेकिन इस बार वैशाली से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया था। महागठबंधन में वैशाली की सीट राजद के प्रो. रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए आरक्षित है। लिहाजा वह नए दल की तलाश में घूम रहे थे। कुछ नेताओं से उनकी मुलाकात भी हुई थी, लेकिन, कहीं से ठोस आश्वासन नहीं मिला था।

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