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PayTm मालिक से रंगदारी में नया मोड़, वकील ने कहा- सोनिया को भी मिली थी धमकी

वकील प्रशांत त्रिपाठी ने कहा है कि सोनिया धवन से भी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। सोनिया ने भी 15 दिन पहले थाना सेक्टर-39 में शिकायत दी थी। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 11:25 AM (IST)
PayTm मालिक से रंगदारी में नया मोड़, वकील ने कहा- सोनिया को भी मिली थी धमकी
PayTm मालिक से रंगदारी में नया मोड़, वकील ने कहा- सोनिया को भी मिली थी धमकी

नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। देश की नामी मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले में कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट (वीपी) सोनिया धवन के वकील ने नोएडा पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वकील का कहना है कि सोनिया से भी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। वह आज (मंगलवार को) कोर्ट में पेशी के दौरान संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।

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मालूम हो कि नोएडा पुलिस ने सोमवार को पेटीएम का गोपनीय डाटा चोरी कर मालिक से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में कंपनी की वीपी सोनिया धवन, उनके पति रूपक जैन और एक अन्य कर्मचारी देवेंद्र को गिरफ्तार किया था।

सोनिया धवन विजय शेखर की निजी सचिव भी थी। आरोप है कि सोनिया ने कंपनी कर्मचारी देवेंद्र की मदद से कंपनी का गोपनीय डाटा चोरी कर लिया था। इसके बाद वह कोलकाता में मौजूद फरार एक अन्य आरोपी रोहित चोमल की मदद से कंपनी मालिक को ब्लैकमेल कर 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने लगी थीं। इस में सोनिया का पति रूपक जैन भी शामिल है। कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट व विजय शेखर शर्मा के भाई अजय शेखर शर्मा ने मामले में थाना सेक्टर 20 में रिपार्ट दर्ज कराई है।

अब इस मामले में गिरफ्तार वीपी के वकील प्रशांत त्रिपाठी ने कहा है कि सोनिया धवन से भी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। सोनिया ने भी 15 दिन पहले थाना सेक्टर-39 में शिकायत दी थी। उनकी शिकायत पर नोएडा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। फोन करने वाले ने सोनिया को बताया था कि उसे किसी ने रंगदारी मांगने के लिए कागज पर उनका फोन नंबर लिखकर दिया था।

सोनिया के वकील प्रशांत त्रिपाठी के मुताबिक उन्हें रंगदारी के लिए फोन करने वाले ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने रुपये नहीं दिए तो सोनिया, उनके पति रूपक जैन और बेटे को जान से मार दिया जाएगा। प्रशांत त्रिपाठी के अनुसार अगर पुलिस पूरे मामले में सही से जांच कर कार्रवाई करती तो आज शायद सोनिया को जेल नहीं जाना पड़ता। वकील ने साजिश के तहत सोनिया को फंसाने का आरोप लगाया है।

नोएडा पुलिस आज (मंगलवार को) मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी। वकील प्रशांत त्रिपाठी के अनुसार इस दौरान वह सोनिया द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत की कॉपी व अन्य साक्ष्य कोर्ट में पेश करेंगे। इसके आधार पर वह सोनिया व उनके पति की जमानत मांगेगे।

दो लाख रुपये दे चुके थे विजय शेखर

सोमवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी सितंबर महीने से कंपनी मालिक से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांग रहे थे। रंगदारी न देने पर आरोपी कंपनी का गोपनीय डाटा सार्वजनिक करने की धमकी दे रहे थे। बताया जा रहा है कि कंपनी मालिक आरोपियों को दो लाख रुपये दे भी चुके थे। इसके बाद भी आरोपी अब भी कंपनी मालिक से 10 करोड़ रुपये की और मांग कर रहे थे।

कंपनी ने कहा आरोप सिद्ध न होने तक कर्मचारियों के साथ हैं

मामले में पेटीएम कंपनी का कहना है कि नोएडा पुलिस ने फिरौती मांगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमे पेटीएम की एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। कर्मचारी ने अपने सहयोगियों के साथ पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा का व्यक्तिगत डेटा लीक करने के बहाने उनसे पैसे निकालने का प्रयास किया था। पुलिस के किसी निष्कर्ष पर पहुँचने तक पेटीएम अपने कर्मचारियों के साथ है।

10 वर्षों से कंपनी में काम कर रही थीं सोनिया

विजय शेखर शर्मा सी-419ए टेलीकॉम कॉलोनी सेक्टर 62 में रहते हैं। इनके भाई व कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजय शेखर ने बताया कि प्रतीक लोरीयल सोसायटी सेक्टर 120 में रहने वाली सोनिया धवन कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट थी। वह कंपनी में पिछले 10 वर्षो से जुड़ी हुई थी। आरोप है कि सोनिया ने साजिश के तहत उनके भाई की मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय और निजी डाटा चोरी कर लिया। इस साजिश में सोनिया का पति रूपक जैन और शाहदरा सूरजपुर निवासी कंपनी कर्मी देवेंद्र कुमार भी शामिल था।

हमेश विजय के साथ रहती थीं सोनिया

अजय शेखर शर्मा का कहना है कि उनके भाई विजय शेखर को फंसाने के लिये सोनिया धवन ने अपने पति व कर्मचारी देवेंद्र के साथ मिलकर साजिश रची थी। सोनिया, विजय शेखर की निजी सचिव होने के कारण हमेशा उनके साथ ही रहती थी और कंपनी के सभी कार्य के बारे में उन्हें जानकारी होती थीं। उन्हें मोबाइल और कंप्यूटर का पासवर्ड तक पता था। इसी का फायदा उठाते हुए उसने निजी डाटा चोरी कर लिया। आरोपित उनकी प्रतिष्ठा और कारोबार को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।


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