Delhi: निजी स्कूलों को गरीब बच्चों को देना पड़ेगा मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल; शिक्षा निदेशालय
ऑनलाइन क्लास में हिस्सा लेने के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर शिक्षा निदेशालय ने जवाब दाखिल किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के बीच ऑनलाइन क्लास में हिस्सा लेने के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर शिक्षा निदेशालय ने जवाब दाखिल किया। शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को लैपटॉप-स्मार्टफोन व इंटरनेट की सुविधा देने के लिए बाध्य हैं।
शिक्षा निदेशालय ने न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष शपथ पत्र दायर करके कहा कि यह स्कूल का दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा ऑनलाइन शिक्षा से वंचित न हो। शिक्षा निदेशालय ने यह भी कहा कि उसने दिल्ली के 15 बड़े स्कूलों को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की तरफ से दायर जनहित याचिका के अनुसार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों ने वीडिया कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला किया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 50 हजार छात्रों को फायदा होगा, लेकिन वे न तो लैपटॉप-मोबाइल खरीद सकते हैं और न ही हाई स्पीड इंटरनेट का खर्च वहन कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देशस में लॉकडाउन लागू किया हुआ है। लॉकडाउन लागू करने के बाद से ही स्कूलों में ऑनलाइन क्लास दी जा रही है। वहीं दिल्ली में भी लगातार कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछसे 24 घंटे में कोरोना वायरस के 508 नए मामले सामने आए हैं। वहीं देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है। इस वक्त देश में 73560 कोरोना वायरस के एक्टिव केस हैं। कुल मामलों में से 54440 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए है या फिर ठीक हो गए हैं।