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गुजरात के साबरमती की तरह यूपी की नदी में भी होगा साफ पानी, मदद करेगा नीदरलैंड

नीदरलैंड के विशेषज्ञ मानते हैं कि नदी शहरों की गंदगी के चलते मैली होती है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 09:06 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 02:03 PM (IST)
गुजरात के साबरमती की तरह यूपी की नदी में भी होगा साफ पानी, मदद करेगा नीदरलैंड
गुजरात के साबरमती की तरह यूपी की नदी में भी होगा साफ पानी, मदद करेगा नीदरलैंड

गाजियाबाद (जेएनएन)। साबरमती की तरह हरनंदी नदी के दिन बहुरेंगे इस नदी में एक दिन साफ पानी बहेगा। इस सपने को साकार करने के लिए नीदरलैंड की सरकार ने हाथ आगे बढ़ा है। जिन शहरों की जमीन पर यह नदी बहती है, पहले वहां ठोस कचरा निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी और गंदे पानी को शुद्ध करने का इंतजाम किया जाएगा।

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नीदरलैंड के विशेषज्ञ मानते हैं कि नदी शहरों की गंदगी के चलते मैली होती है। इस गंदगी को ही खत्म कर दिया जाए तो नदी को एक बार साफ करने के बाद उसे हमेशा के लिए निर्मल रखना बेहद आसान हो जाएगा। सोमवार को नीदरलैंड के प्रतिनिधियों ने जीडीए में वहां के और नगर निगम के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अपने प्रस्ताव को रखा। उसमें बताया कि शुक्रवार को वहां के जल संसाधन मंत्री भारत आ रहे हैं। उसी दिन दिल्ली में यूपी सरकार के साथ इस प्रोजेक्ट पर बैठक होगी। जिसमें करार होने की संभावना है।

नदी को स्वच्छ बनाने की शुरुआत गाजियाबाद से होगी। फिर नोएडा, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में काम होगा। हरनंदी नदी जिन शहरों से गुजर रही है, उनमें गाजियाबाद में सबसे ज्यादा कूड़ा रोजाना निकलता है। इसी कचरे ने इस परियोजना में शहर को तवज्जो दिलाई है। दिल्ली का करीब होना भी बड़ी वजह है।

वेस्ट-टू-वेल्थ संकल्पना पर होगा निवेश

विदेशी कंपनियां यहां 1000 करोड़ से ज्यादा का निवेश कर सकती हैं। वेस्ट-टू-वेल्थ संकल्पना पर काम करने के लिए वहां की कई कंपनियां यहां निवेश के लिए तैयार हैं। ठोस कचरा जिसमें घरेलू, औद्योगिक, हॉस्पिटल से निकलने वाला कूड़ा शामिल है। उसे वहां की कंपनियां बिजली, प्लास्टिक टाइल्स, धागे, ईंट समेत उपयोगी वस्तुएं बनाकर आय अर्जित करेगी। वहीं सीवरेज और ड्रेनेज के गंदे पानी का शोधन कर उसे शुद्ध किया जाएगा।


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