कॉलेज स्टूडेंट्स के एनजीओ नवागत ने बदली दिल्ली की गंदी बस्ती की सूरत
योजना का उद्देश्य बस्तियों के निवासियों के लिए रहने के लिए बेहतर जगह बनाना और सकारात्क माहौल तैयार करना है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। गंदी बस्तियों को रंगों से सजाने, स्वच्छ बनाने और वहां के निवासियों के लिए सकारात्मक माहौल देने के लिए दिल्ली के कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स के बनाए एक एनजीओ नवागत ने अपना प्रोजेक्ट 'स्वच्छता' शुरू किया है। 3 अप्रैल, 2018 को इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने वाले सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स हैं। उनके इस प्रोजेक्ट की शुरुआत दक्षिण दिल्ला में ओखला औद्योगिक क्षेत्र की गंदी बस्तियों से हुई।
टीम नवागत ने गलियों और झुग्गियों की बाहरी दीवारों की पुताई और आसपास के इलाके की सफाई की। उनकी योजना का उद्देश्य बस्तियों के निवासियों के लिए रहने के लिए बेहतर जगह बनाना और सकारात्मक माहौल तैयार करना है।
गंदी बस्तियों की पुताई और सड़कों की सफाई के अलावा, टीम नवागत ने पौधे लगाए और वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए क्षेत्र में चारों तरफ डस्टबिन रखे। इस भव्य प्रोजेक्ट ने पूरे शहर से उत्साही स्वयंसेवकों को आकर्षित किया है।
इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, रामानुजन कॉलेज भी शामिल है, जिसने प्रोजेक्ट को समर्थन देने में मदद की। फाइन आर्ट्स सोसाइटी फोर आईपी कॉलेज फोर वुमन क्रॉयडन के स्टूडेंट्स ने दीवारों पर ग्राफिटी पेंटिंग बनाई जो कि प्रोजेक्ट स्वच्छता के ताज में रत्न की तरह थीं।
दिनभर का यह प्रोजेक्ट एक बड़े सपने की केवल एक शुरुआत था जो कि लंबे समय से काम कर रहा था। नवागत के अध्यक्ष अभिषेक जैन ने कहा, 'स्वस्थ रहने के लिए एक अनुकूल वातावरण हर इंसान की मौलिक आवश्यकता है। हमें महसूस हुआ कि बहुत से लोगों को यह हासिल नहीं है और नवागत उस दिशा में काम करना चाहता था।'
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य सौंदर्यीकरण और स्वच्छता का एक मॉडल बनाकर बड़े पैमाने पर प्रभाव पैदा करना है जो कि दुनियाभर में विभिन्न गंदी बस्तियों में लागू किया जा सकता हो।
सेकेंड ईयर कॉलेज स्टूडेंट्स द्वारा साल 2017 में शुरू किए गए एनजीओ नवागत में 15 सदस्यों की टीम है जो कि समाज की समस्याओं को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
नवागत की टीम में मैनेजमेंट, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, साइकोलॉजी और इंजीनियरिंग के छात्र हैं। उनका लक्ष्य डोनेशन ड्राइव, एजुकेशनल वर्कशॉप्स, जागरुकता अभियान, जरूरतमंदों के लिए काम और अन्य एनजीओ के साथ मिलकर एक अंतर पैदा करने का लक्ष्य है।