Delhi MCD Election 2022: जानिये- कैसे दिल्ली में कांग्रेस के लिए नई चुनौती बनेंगे पीसी चाको
Delhi MCD Election 2022 पीसी चाको करीब छह साल तक दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी रहे। इसके अलावा भी उन्होंने पार्टी में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एनसीपी का हाथ थाम लिया।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश की राजधानी दिल्ली में वजूद की जंग लड़ रही कांग्रेस के लिए अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नई चुनौती बन सकती है। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रभारी पीसी चाको के नेतृत्व में एनसीपी नगर निगम चुनाव चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के भी बहुत से नेता उनके संपर्क में हैं और अगले सप्ताह से इन नेताओं के साथ बैठकों का दौर भी शुरू होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि पीसी चाको करीब छह साल तक दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी रहे। इसके अलावा भी उन्होंने पार्टी में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एनसीपी का हाथ थाम लिया। एनसीपी में रहते हुए वह इस समय पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष हैं और साथ ही दिल्ली प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीसी चाको के नेतृत्व में एनसीपी ने आगामी नगर निगम चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी की कोशिश 272 में से अधिक से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की है। दिल्ली कांग्रेस के कई छोटे-बड़े नेता पूर्व संबंधों के चलते पीसी चाको के संपर्क में भी हैं। इनमें से कुछ कांग्रेस के बजाय नया विकल्प तलाश रहे हैं तो कुछ टिकट पाने के लिए किसी और पार्टी का दामन पकड़ना चाह रहे हैं।
बताया जाता है कि एनसीपी दिल्ली में कांग्रेस के लगातार घटते जनाधार और पार्टी नेताओं की आपसी फूट को ध्यान में रखते हुए मौके पर चौका लगाने के सोच के साथ आगे बढ़ रही है। एनसीपी नेताओं का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका भी अदा नहीं कर पा रही है। ऐसे में दिल्ली वासी भी कांग्रेस को अब बदलाव का विकल्प नहीं मान रहे।
करीब छह साल दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी रहे पीसी चाको अब बने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिल्ली प्रभारी शीर्ष नेतृत्व की अनदेखी से दिल्ली में कांग्रेस अब खत्म होती जा रही है। न चेहरा बचा है, न ही जनाधार। न जनता में पैठ बची है और न सियासी गलियारों में वजूद। काफी नेता साथ छोड़ चुके हैं और काफी विकल्प की तलाश में हैं।
पीसी चाको (दिल्ली प्रभारी, एनसीपी) का कहना है कि अगले सप्ताह से ऐसे नेताओं के साथ बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। जल्द ही निगम चुनाव को लेकर आगे की रूपरेखा भी तय कर ली जाएगी।