Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने को समयबद्ध योजना लागू करने के निर्देश
Delhi NCR Pollution राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लोगों की जान के लिए खतरा और संविधान के अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए संज्ञान लिया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से निबटने और बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से कहा है कि वे रणनीतिक योजनाएं विकसित कर उन्हें समयबद्ध ढंग से लागू करें।
आयोग ने राज्यों को ये निर्देश संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और अधिकारियों के साथ शुक्रवार को प्रदूषण के मुद्दे पर हुई तीसरी बैठक में राज्यों की ओर से दी गई रिपोर्ट देखने के बाद दिए। आयोग ने राज्यों से अगली सुनवाई 25 नवंबर पर इस संबंध में फिर रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने चारों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक करके प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट भी मांगी थी। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आयोग ने चारो राज्यों के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को तीसरी बैठक की, जिसमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा हुई।
राज्यों ने आयोग को रिपोर्ट सौंपी जिसे देखने से पता चला कि राज्य सरकारों ने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए पराली प्रबंधन, धूल और अस्पतालों और सीवर की गंदगी से निबटने के लिए कुछ काम किया है, लेकिन आयोग ने राज्यों से जोर देकर कहा कि वायु प्रदूषण और बेहतर नागरिक सुविधाएं देने के लिए उन्हें रणनीतिक योजना विकसित करने की जरूरत है, जिसे समयबद्ध ढंग से लागू किया जाए। आयोग ने पंजाब सरकार से कहा कि उसे गरीब किसानों को पराली निस्तारण के लिए मशीनें मुहैया करानी चाहिए।
आयोग ने पंजाब से कहा है कि वह रिपोर्ट में ब्योरा देगा कि राज्य में कितनी पराली निकलती है जिसमें से कितनी जलाई जाती है और कितनी प्रभावी ढंग से निस्तारित की जाती है। आयोग ने राज्य सरकार से स्थानवार पराली की घटनाओं का ब्योरा मांगा है। यह भी कहा कि अगर डीकंपोजर मशीन प्रभावी ढंग से काम नहीं की तो क्या विकल्प हो सकता है इसे भी राज्य तलाशे।
आयोग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकार से कहा है कि नगर निकायों के साथ समन्वय करके सभी शहरों की सफाई के लिए मैकेनाइज्ड सफाई मशीनें खरीदी जाएं और इसके लिए बजट में विशेष प्रविधान किए जाएं। राज्यों से कहा कि तय समय में चरणबद्ध ढंग से नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का एक रोडमैप होना चाहिए। बैठक के दौरान आयोग ने सैप्टिक टैंक, सीवर सफाई के दौरान होने वाली मौतों पर चिंता जताई।
आयोग ने कहा कि 24 सितंबर 2021 की एडवाइजरी लागू हो। जरूरी सुरक्षा उपकरण खरीदे जाएं। आयोग ने चेतावनी दी कि अधिकारी चेत जाएं नहीं तो आयोग क्रिमिनल कार्रवाई की संस्तुति करेगा।
बैठक के दौरान आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अधिकारी यह कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते कि उन्होंने सैप्टिक टैंक और सीवर की सफाई का काम ठेकेदार को दे दिया है। सरकार को जहरीली गैस के स्पाट चिन्हित कर वहां खतरे के सिग्नल लगाने चाहिए।