‘ढाई आखर’ के जरिये यूपी की श्रुति गोयनका ने बनाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
बापू के नाम से लिखी गई श्रुति गोयनका की चिट्ठी निर्णायक मंडल के मन को छू गई।
नोएडा (कुंदन तिवारी)। आजादी के महानायक महात्मा गांधी ने जो बातें 70 वर्ष पहले कही थीं, वह आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है। प्रत्येक व्यक्ति को इसे जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। कुछ ऐसे ही विचारों के साथ बापू के नाम से लिखी गई चिट्ठी निर्णायक मंडल के मन को छू गई।
नोएडा के सेक्टर-34 स्थित अरावली अपार्टमेंट में रहने वाली श्रुति गोयनका ने बापू के प्रति अपने मन के विचारों को जब कागज पर उतारा तो हजारों प्रतिभागियों के बीच वह न सिर्फ प्रदेश स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान पाने में सफल रही।
केंद्रीय डाक विभाग के निर्देश पर पिछले दिनों देश भर में प्रिय बापू (महात्मा गांधी) आप मुझे प्रेरित करते है विषय पर ‘ढाई आखर’ नाम से पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया था। यह प्रतियोगिता दो वर्गो में आयोजित हुई थी।
प्रथम वर्ग की अंतरदेशीय प्रतियोगिता में अंतरदेशीय पत्र में 500 शब्द लिखने थे। दूसरा वर्ग लिफाफा प्रतियोगिता है। इसमें सादे कागज पर एक हजार शब्द में पत्र लिखना था। इसके लिए अंतरदेशीय और लिफाफा डाक विभाग की ओर से मुफ्त उपलब्ध कराया गया था।
श्रुति गोयनका ने बताया कि मैं सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय विद्यालय में 11 वीं कक्षा में पढ़ती हूं। पत्र लेखन स्कूल में आयोजित डाक विभाग की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। दो दिन पहले लखनऊ से फोन आया था कि मेरे पत्र लेखन को राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
बृहस्पतिवार की सुबह सेक्टर-19 स्थित डाक विभाग के पोस्ट मास्टर सुरेंद्र सिंह, सहायक अधीक्षक सुरेश सिंह, पीआरओ राकेश रैना, इंचार्ज पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस अनिल कुमार मेरे घर पहुंचे तब पता चला कि मुङो राष्ट्रीय स्तर पर भी पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
बेटी ने बढ़ाया मान
भारत सरकार में नेवीगेशनल असिस्टेंट के पद पर तैनात श्रुति गोयनका के पिता संतोष कुमार व मां मोनिका गोयनका का कहना है कि कभी कल्पना भी नहीं की थी कि राष्ट्रीय स्तर पर बेटी परिवार का नाम रोशन करेगी।
हमने भी हमेशा दोनों बेटियों श्रुति और रिद्धि को शिक्षा दी है कि मार्कशीट में नंबर भले ही कम आए, लेकिन नैतिकता, आदर्श और संस्कार से हट कर काम नहीं करना है।