Delhi News: दिल्ली को छोड़कर अब एनसीआर में पीएनजी के विकल्प स्वरूप बायोमास ईंधन के इस्तेमाल की मिली अनुमति
सीएक्यूएम ने एनसीआर में बायोमास ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों को बायोमास ईंधन वाले बायलरों - 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के लिए पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन के उत्सर्जन मानकों का पालन करने का भी निर्देश दिया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 'नए उद्योगों' में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के विकल्प स्वरूप बायोमास ईंधन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। सीएक्यूएम के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने बुधवार शाम हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के नाम इस आशय के आदेश जारी कर दिए।
गौरतलब है कि सीएक्यूएम ने फरवरी में एनसीआर क्षेत्र में गंदे ईंधन पर काम करने वाले उद्योगों को 30 सितंबर, 2022 तक पूरी तरह से पीएनजी या बायोमास ईंधन पर स्विच करने का निर्देश दिया था। तत्पश्चात बुधवार, 18 मई को एक नई दिशा में, सभी नए उद्योगों को वैकल्पिक विकल्प के रूप में बायोमास ईंधन के उपयोग की अनुमति भी दे दी।
सीएक्यूएम ने एनसीआर में बायोमास ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों को बायोमास ईंधन वाले बायलरों - 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के लिए पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन के उत्सर्जन मानकों का पालन करने का भी निर्देश दिया है। मालूम हो कि पहले बायलर संचालन के लिए बायोमास ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों से पीएम उत्सर्जन का विश्लेषण किया था।
इसमें सुझाव दिया गया था कि बायोमास ईंधन पारंपरिक जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, डीजल तेल आदि की तुलना में बहुत बेहतर है। इस तरह के ईंधन का उपयोग करने के फायदे चावल की भूसी और अन्य बायोमास की बड़ी मात्रा में उचित वैज्ञानिक निपटान के साथ-साथ धान के भूसे के खुले जलने के लिए पर्यावरण और तकनीकी चिंताओं से कहीं अधिक हैं।