Move to Jagran APP

रूस के विश्वविद्यालय से MTech करने वाला करता था सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर ठगी, पढ़िए पूरी कहानी

सरिता विहार थाना पुलिस ने सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मुख्य आरोपित ने रूस के विश्वविद्यालय से एमटेक कर रखी है और प्लेसमेंट एजेंसी चलाता था। मगर बिजनेस में नुकसान पहुंचा तो वह ठगी का धंधा करने लगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 03:32 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 03:32 PM (IST)
पुलिस ने सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरिता विहार थाना पुलिस ने सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मुख्य आरोपित ने रूस के विश्वविद्यालय से एमटेक कर रखी है और प्लेसमेंट एजेंसी चलाता था। मगर बिजनेस में नुकसान पहुंचा तो वह ठगी का धंधा करने लगा। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान व‌र्ल्ड सिटी गाजियाबाद निवासी 40 वर्षीय तरुण गुप्ता और महावर नगर मुबारकपुर निवासी 35 वर्षीय हरी सिंह के रूप में हुई है। उनके पास से आठ मोबाइल, दो लैपटाप, एक हार्ड डिस्क और नकली सरकारी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

loksabha election banner

दक्षिण पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि छह जुलाई 2018 को धर्मदार करारिया ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह लाइट कान्सेप्ट कंपनी के उपाध्यक्ष हैं और उनका दफ्तर गुरुग्राम में है। उन्हें मेसर्स फिन सर्विसेज के निर्देशक डाक्टर डी. बक्शी और डा आयुष्मान शास्त्री ने एक ईमेल भेजा था और उन्हें सरकार की सौभाग्य योजना के तहत टेंडर दिलाने को कहा था। टेंडर दिलाने के नाम पर उन्होंने उनसे एक लाख 96 हजार की ठगी की है। उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पहले कंपनी को पुलिस ने नोटिस भेजा मगर पता चला कि जिस पते पर नोटिस भेजा गया है, वहां से फरार हैं। फिर सरकारी विभाग से उनके बारे में पता किया गया तो पता चला कि इस नाम का कोई कर्मचारी उनके यहां काम ही नहीं करता।

तीन साल बाद पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक जालसाज गाजियाबाद में है जिसके बाद छापेमारी कर तरुण गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके निशानदेही पर महावर नगर मुबारकपुर से हरी ¨सह को भी पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि तरुण ने रूस से एमटेक कर रखा है उसने प्लेसमेंट एजेंसी खोली था, मगर कारोबार में नुकसान उठाना पड़ा था। तब वह हरी ¨सह के साथ मिलकर सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने लगा। जांच में पता चला कि तरुण पहले से हैदराबाद में ठगी के तीन मामलों में शामिल रहा है, जबकि हरी ¨सह हैदराबाद में ही एक मामले में शामिल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.