दिल्ली से सटे फरीदाबाद में फटे मोर्टार बम, 50 मीटर ऊंचाई तक उछले मजदूर
वर्कशॉप में पांच दिन पहले आर्मी का स्क्रैप आया था। उसी में पांच फ्यूज बम थे।
फरीदाबाद (जेएनएन)। खेड़ी गुजरान गांव के खेतों में बनी स्क्रैप वर्कशॉप में एल्युमीनियम निकालते समय फ्यूज मोर्टार बम फटने से दो मजदूरों के चीथड़े उड़ गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि एक मजदूर का शरीर हवा में करीब 50 मीटर उछला और 100 मीटर दूर जाकर बिखर गया।
वर्कशॉप में पांच दिन पहले आर्मी का स्क्रैप आया था। उसी में पांच फ्यूज बम थे। मृतकों की पहचान नहरपार निवासी छोटू (45 साल) और सुभाष कॉलोनी निवासी राधेश्याम (30 वर्ष) के रूप में हुई। वर्कशॉप बैंड मार्केट ओल्ड फरीदाबाद निवासी जावेद का है।
जावेद हरिद्वार स्थित सेंचुरी मेटल रिसाइकिल कंपनी से स्क्रैप लाता है, जिसमें ज्यादातर आर्मी से निकला स्क्रैप होता है। जावेद पीतल, लोहा व एल्युमीनियम जैसी धातुओं को अलग अलग कर भट्टी में गलाता है और उनकी सिल्लियां बनाकर वापस कंपनी में भेजता है।
बुधवार दोपहर करीब 2 बजे छोटू और राधेश्याम एक फ्यूज बम को हथौड़ों से पीट-पीटकर उसमें से एल्युमीनियम व अन्य धातु निकालने की कोशिश कर रहे थे। जावेद व अन्य मजदूर कुछ दूर अन्य कार्यो में लगे थे।
अचानक बम फट गया। सेक्टर-55 थाना प्रभारी मोहम्मद सईद ने बताया कि जावेद के पास पहले भी स्क्रैप में ऐसा सामान आता रहा है, मगर इस तरह का हादसा पहली बार हुआ है।
जावेद ने करीब चार महीने पहले ही खेड़ी गुजरान में वर्कशॉप लगाई है। उसने खुद स्वीकारा है कि उसके और उसके मजदूरों के पास इस तरह के कबाड़ में से धातु अलग करने का कोई प्रशिक्षण नहीं है।
इसके अलावा उसके पास इस काम को करने का कोई लाइसेंस भी नहीं है। आरोपी के खिलाफ लापरवाही से मौत की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया है।
उत्तराखंड से आया था स्क्रैप
वर्कशॉप बैंड मार्केट ओल्ड फरीदाबाद निवासी जावेद स्क्रैप कारोबारी है। बताया गया कि जावेद के पास हरिद्वार स्थित सेंचुरी मेटल रिसाइकिल कंपनी से ट्रकों में भरकर स्क्रैप आता है।
इसमें ज्यादातर स्क्रैप आर्मी से निकला हुआ होता है और इसमें चले हुए बम सहित अन्य कबाड़ होता है। यहां खेतों के पास ज्यादातर कबाड़ खुले में पड़ा रहता है और मेटल गलाने के लिए भट्टी भी खेत में खुले में लगाई हुई है।
चार महीने पहले लगाई वर्कशॉप
बताया गया कि जावेद ने करीब चार महीने पहले ही खेड़ी गुजरान में वर्कशॉप लगाई है। यहां छोटू, राधेश्याम, राजू, पप्पू, विनोद के अलावा महिलाएं गोल्डी और देवांशी काम करती हैं।
आरोप है कि यहां काम करने वाले मजदूरों को खतरनाक कबाड़ से मेटल अलग करने का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है कि जावेद के पास कारोबार करने की इजाजत भी है या नहीं।
खेड़ी गुजरान में स्क्रैप वर्कशॉप में मोर्टार बम फटने की घटना में प्रशासन की उस अंधेर नगरी जैसी लापरवाही सामने आई है, जिसमें किसी भी चीज पर कोई रोकटोक या देखरेख ना हो। सबसे बड़ी लापरवाही तो यह कि बिना किसी लाइसेंस के जावेद आर्मी स्क्रैप में से एल्युमीनियम निकालने का काम रहा था। जावेद सहित उसके कर्मचारियों के पास इस काम का कोई पूर्व प्रशिक्षण नहीं है।
हरिद्वार स्थित सेंचुरी मेटल रिसाइकल कंपनी के पास से जावेद यह स्क्रैप लेकर आता था। बताया जाता है कि इस कंपनी के पास आर्मी का स्क्रैप आता है। सवाल उठता कि राष्ट्रीय स्तर की किसी कंपनी ने बिना किसी तहकीकात के उसे स्क्रैप कैसे दे दिया, जबकि उसमें आर्मी के फ्यूज बम के अलावा अन्य चले हुए बमों, गोलियों, बंदूकों के पुर्जे व खोल होते हैं।
अगर यह सामान किसी गलत तत्वों के हाथों में पड़ जाए तो वे इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। पिछले चार महीने से खेड़ी गुजरान में यह वर्कशॉप चल रही थी। उसके किसी भी कर्मचारी का पुलिस सत्यापन नहीं हुआ। यहां पुलिस के गुप्तचर विभाग पर भी सवाल उठता है कि उसे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। स्क्रैप से निकलने वाली धातुओं को बेहद उच्च ताप पर गलाए जाने के लिए तीन भट्टियां बनी हैं।
ये भट्टियां खेत के एक कोने में खुले में और जमीन खोदकर बनाई गई हैं। इनमें हर समय नीचे कोयला जलता रहता है, मगर लोगों को उस तरफ जाने से रोकने के लिए कोई अवरोधक नहीं लगा।
अंजान व्यक्ति उनमें गिरकर जलने की आशंका काफी अधिक है। इसके अलावा मौके पर किसी हादसे से निपटने के लिए कोई साधन नहीं है। जावेद ने स्वीकार किया है कि शहर में उसके जैसे कई अन्य वर्कशॉप संचालक हो सकते हैं, जिनका प्रशासन और पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
सेक्टर-55 थाना प्रभारी अब्दुल सईद का कहना है कि जांच की जा रही है कि जावेद के पास तक फ्यूज बम कैसे पहुंचा। मौके से कुछ विस्फोटक भी बरामद हुआ है, वह फ्यूज बमों में से निकला बताया गया है। उसे जांच के लिए लेबोरेट्री भिजवाया गया है, ताकि पता चले कि वह कौन सा विस्फोटक है। जांच की जा रही है कि शहर में इस तरह की कोई अन्य वर्कशॉप तो नहीं चल रही।