Delhi: राष्ट्रपति के आमंत्रण पर अमृत उद्यान पहुंचे 10 हजार से अधिक दिव्यांग, 100 से अधिक ट्रांसजेंडर भी मौजूद
पहली बार किसी राष्ट्रपति के बुलावे पर 10 हजार से अधिक दिव्यांगजन बुधवार को एक साथ अमृत उद्यान में जुटे थे। साथ में 100 से अधिक ट्रांसजेंडर भी। राष्ट्रपति ने काफी देर उन लोगों के साथ गुजारा। ममतामयी हाथों से उनके सिर पर स्पर्श किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रपति सबकी हैं, देश के हर नागरिक की, जो अशक्त है, व्हीलचेयर पर है, दूसरे सहारे लेकर चल पाते हैं। या ट्रांसजेडर जिन्हें समाज में अच्छी नजरों ने नहीं देखा जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के ममतामयी आमंत्रण के साथ ही उनके स्नेह और अपनेपन का राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में ऐसा अद्भूत दृश्य था, जो पहले कभी यहां नहीं देखा गया था।
पहली बार किसी राष्ट्रपति के बुलावे पर 10 हजार से अधिक दिव्यांगजन बुधवार को एक साथ अमृत उद्यान में जुटे थे। साथ में 100 से अधिक ट्रांसजेंडर भी। राष्ट्रपति ने काफी देर उन लोगों के साथ गुजारा। ममतामयी हाथों से उनके सिर पर स्पर्श किया। मुस्कुराते हुए बातें की। उनकी उपस्थिति में दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों ने ब्रेल लिपि में अंकित अक्षरों को पढ़ा। फूलों को स्पर्श किया और अपने अनुभव बताए। सवालों के जवाब देने पर राष्ट्रपति ने बच्चों को चाकलेट और ब्रेललिपि की किताबें भी दी। यह उन लोगों के लिए अद्भूत, भावुक करने और ताउम्र याद रहने वाला लम्हा था।
दिल्ली-NCR से आए थे दिव्यांगजन
ये दिव्यांगजन और ट्रांसजेंडर दिल्ली के साथ ही एनसीआर के शहरों से आए हुए थे। डेरागांव से आई और व्हीलचेयर के सहारे राष्ट्रपति भवन व अमृत उद्यान को निहारते हुए अंजुम तनवर ने कहा कि ऐसा उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। उन्हें यहां आकर जो एहसास हुआ है, उसे जीवनभर नहीं भूल पाएंगी। रोहिणी की दृष्टिबाधित अपूर्वा ने कहा कि यहां की खुशबू उसे काफी अच्छी लग रही है।
शादीपुर से आई ट्रांसजेंडर समीरा ने कहा कि वे अपने दोस्तों के साथ आई हैं। पहली बार उन लोगों को इस तरह के किसी कार्यक्रम में बुलाया गया है। उसमें भी आमंत्रण खुद राष्ट्रपति जी का है। इससे वे बेहद खुश हैं।
इनमें चलने-फिरने में असमर्थ 500 से अधिक दिव्यांग, दृष्टिबाधित, बोलने व सुनने में असमर्थ, बौद्धिक अशक्तता से पीड़ित, सेरेब्रल पाल्सी, डाउन सिंड्रोम, कुष्ठ रोग, डार्फिस्म दिव्यांग समेत अन्य शामिल थे। उनके साथ उनके परिवार के सदस्य और बच्चे भी थे। सभी बहुत खुश थे।
इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा किया गया था, जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान ने दिव्यांग व ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए काम कर रही संस्थाओं को साथ जोड़कर इन्हे यहां लाने की व्यवस्था कराई थी। साथ ही दिल्ली का शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और दिल्ली नगर निगम का भी विशेष सहयोग मिला।