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दो महीने में दो नए रूट पर शुरू हो सकती है मेट्रो, DMRC ने शुरू की तैयारियां

पिंक लाइन के शिव विहार-त्रिलोकपुरी कॉरिडोर पर अक्टूबर महीने से लाजपत नगर-मयूर विहार पॉकेट-1 कॉरिडोर पर नवंबर माह से परिचालन शुरू करने की तैयारी है।

By Edited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 09:49 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 09:16 AM (IST)
दो महीने में दो नए रूट पर शुरू हो सकती है मेट्रो, DMRC ने शुरू की तैयारियां

नई दिल्ली (जेएनएन)। पिंक लाइन के शिव विहार-त्रिलोकपुरी कॉरिडोर पर अक्टूबर महीने से यात्रियों को सफर की सुविधा मिल सकती है। अभी इस रूट पर मेट्रो का ट्रायल पूरा नहीं हो पाया है। डीएमआरसी का प्रयास है कि इस महीने ट्रायल पूरा कर लिया जाए। इसके अलावा नवंबर में पिंक लाइन के लाजपत नगर-मयूर विहार पॉकेट-1 कॉरिडोर पर परिचालन शुरू करने की भी तैयारी है।

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उल्लेखनीय है कि शिव विहार से मजलिस पार्क तक पिंक लाइन की कुल लंबाई 58.59 किलोमीटर है। इसके पूरे हिस्से पर परिचालन शुरू होने पर यह दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा कॉरिडोर हो जाएगा। मौजूदा समय में इस कॉरिडोर के 29.66 किलोमीटर हिस्से पर मजलिस पार्क से लाजपत नगर के बीच मेट्रो का परिचालन हो रहा है, जबकि 28.93 किलोमीटर हिस्से पर परिचालन शुरू होना शेष है। इसके शेष हिस्से में से 9.79 किलोमीटर लंबे लाजपत नगर-मयूर विहार पॉकेट-1 कॉरिडोर पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने बुधवार को मेट्रो का ट्रायल शुरू किया है।

डीएमआरसी के अनुसार, तीन महीने तक ट्रायल के बाद इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होगा। वैसे, डीएमआरसी ने इस महीने से ही इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा था। ट्रायल में विलंब होने के कारण परिचालन शुरू करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएगा।

लाजपत नगर-मयूर विहार फेज-1 कॉरिडोर पर पांच स्टेशन हैं। जिनमें विनोबा पुरी, आश्रम, हजरत निजामुद्दीन, मयूर विहार-1 और मयूर विहार पॉकेट-1 स्टेशन शामिल हैं। इसके अलावा पिंक लाइन पर शिव विहार-त्रिलोकपुरी कॉरिडोर की लंबाई 19.23 किलोमीटर है। इस कॉरिडोर पर पहले से ट्रायल चल रहा है। डीएमआरसी ने इस कॉरिडोर पर अगस्त में परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस महीने भी परिचालन शुरू होने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि इस कॉरिडोर पर सुरक्षा मानकों की जांच के लिए फाइल अब तक मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) को नहीं भेजी जा सकी है। डीएमआरसी का कहना है कि यह कॉरिडोर लंबा है, इसलिए ट्रायल में थोड़ा वक्त लग रहा है। सीएमआरएस को फाइल भेजने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


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