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31 मार्च तक पेपरलेस हो जाएगा गुरुग्राम नगर निगम, लोगों की मुश्किलें होंगी कम

गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की तर्ज पर नगर निगम भी 31 मार्च तक पेपरलैस हो जाएगा। फाइलों के बोझ को कम करने और कामों तेजी के साथ ही पारदर्शिता लाने के लिए नगर निगम को पेपरलैस बनाने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह कि जीएमडीए को इसके गठन के समय से ही पेपरलैस कर दिया गया था और वहां पर मैन्युअल काम नहीं किया जा रहा है। फाइल ट्रै¨कग, मूवमेंट के साथ-साथ पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल हो रहा है। अब नगर निगम कार्यालय को भी हाइटेक बनाने की तैयारी चल रही है। नगर निगम अधिकार

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 07:24 PM (IST)
31 मार्च तक पेपरलेस हो जाएगा गुरुग्राम  नगर निगम, लोगों की मुश्किलें होंगी कम
31 मार्च तक पेपरलेस हो जाएगा गुरुग्राम नगर निगम, लोगों की मुश्किलें होंगी कम

गुरुग्राम, [संदीप रतन]। गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की तर्ज पर नगर निगम भी 31 मार्च तक पेपरलेस हो जाएगा। फाइलों के बोझ को कम करने और काम में तेजी के साथ ही पारदर्शिता लाने के लिए नगर निगम को पेपरलेस बनाने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह कि जीएमडीए को इसके गठन के समय से ही पेपरलेस कर दिया गया था और वहां पर मैन्युअल काम नहीं किया जा रहा है।

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फाइल ट्रैकिंग मूवमेंट के साथ-साथ पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल हो रहा है। अब नगर निगम कार्यालय को भी हाईटेक बनाने की तैयारी चल रही है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, पेपरलेस करने का एक मकसद यह भी है कि लोगों के काम समय पर पूरे हो और निगम कार्यालय में उनको चक्कर न काटने पड़ें।

रिकॉर्ड के 10 लाख से ज्यादा पेज किए स्कैन

नगर निगम कार्यालय के रिकॉर्ड के 10 लाख से ज्यादा पेज को स्कैन कर डिजिटल कर दिया गया है। रेलटेल कंपनी से नगर निगम ने ई ऑफिस तैयार करवाया है। वायलेटर एप, ई समीक्षा, ऑनलाइन फाइल ट्रैकिंग जैसी एप्लीकेशन पर नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। इससे प्रत्येक कार्य की एक समय-सीमा निर्धारित होगी और समय पर काम नहीं करने पर उच्चाधिकारी इस मामले में तुरंत एक्शन ले सकेंगे। हर पेडिंग फाइल का स्टेटस निगम अधिकारियों के संज्ञान में भी रहेगा।

पुराना रिकॉर्ड खराब नहीं होगा, जगह भी बचेगी

नगर निगम का गठन 2008 में किया गया था। 10 साल में कई टन रिकॉर्ड नगर निगम कार्यालय में मौजूद है और इस पुराने को संभालना बहुत मुश्किल है। रिकॉर्ड के खराब होने का डर ज्यादा रहता है। पूरा रिकॉर्ड डिजिटल होने से फाइलों को ढूंढने के लिए भी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के पास एक क्लिक पर फाइलें खुल जाएंगी। इसी तरह आफिस में फाइलों को रखने के लिए भी ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ेगी।आयुक्त नगर निगम यशपाल यादव ने बताया कि 31 मार्च तक नगर निगम को पेपरलेस करने का लक्ष्य रखा गया है। नागरिकों को निगम कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े, ये सुविधा देने के लिए नगर निगम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। 


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