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MCD Mayor Election: मेयर चुनाव में एक पद से भाजपा ने एक तीर से साधे दो निशाने, लोकसभा की दो सीटों पर दे दिया संदेश

महापौर चुनाव में लंबी जद्दोजहद के बाद आप और भाजपा दोनों ही अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक समीकरण बनाकर प्रत्याशियों की घोषणा की है। जिससे न केवल लोकसभा चुनाव में लाभ लिया जा सके बल्कि आने वाले समय में भी राजनीतिक समीकरण साध सके। भाजपा ने इस मामले में एक पद से दो लोकसभाओं को इसलिए भी साधा क्योंकि कृष्ण लाल का वार्ड दोनों लोकसभाओं के बीच में है।

By Nihal Singh Edited By: Pooja Tripathi Updated: Fri, 19 Apr 2024 06:19 PM (IST)
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एक पद से साधे दो लोकसभा, भाजपा के मेयर और डिप्टी मेयर प्रत्याशी। जागरण
निहाल सिंह, नई दिल्ली। महापौर चुनाव में लंबी जद्दोजहद के बाद आप और भाजपा दोनों ही अपने-अपने हिसाब से राजनीतिक समीकरण बनाकर प्रत्याशियों की घोषणा की है। जिससे न केवल लोकसभा चुनाव में लाभ लिया जा सके बल्कि आने वाले समय में भी राजनीतिक समीकरण साध सके।

यही वजह है कि आप ने पटेल नगर से विधायक और कैबिनेट मंत्री राजुकमार आनंद के इस्तीफे और अनुसूचित जाति विरोधी आरोपों का जवाब उसी के पड़ोस की विधानसभा करोल बाग की देवनगर वार्ड से पार्षद महेश खिच्ची को महापौर पद का प्रत्याशी बना दिया।

जबकि पुराने कार्यकर्ता और सक्रियता से अपनी बात रखने वाले रविंद्र भारद्वाज को उप महापौर पद का प्रत्याशी बना दिया। इसी तरह चांदनी चौक और उत्तर-पश्चिमी लोकसभा को साधने के लिए भाजपा ने कृष्ण लाल को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया।

एक पद से साधे दो लोकसभा

भाजपा ने इस मामले में एक पद से दो लोकसभाओं को इसलिए भी साधा क्योंकि कृष्ण लाल का वार्ड दोनों लोकसभाओं के बीच में है। मूल रूप से यह वार्ड चांदनी चौक विधानसभा का हिस्सा लेकिन वह उत्तर-पश्चिमी दिल्ली लोकसभा से सटे होने के कारण भाजपा इसका लाभ लेना चाहती है।

हालांकि इस बीच दोनों दलों की कोशिश अपने-अपने पार्षदों को साधे रखने की भी है। क्योंकि महापौर चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तरीख निर्धारित हैं। ऐसे में दोनों दलों अपने पार्षदों को साधे रखने के लिए उनके संपर्क में रहने की कोशिश में जुटे हैं।

विधायकों के दबदबे से आप पार्षद नाखुश

महापौर चुनाव को लेकर आप पार्षदों द्वारा बागी के तौर पर नामांकन करने की वजह विधायकों का दबदबा बताया जा रहा है। पार्षद विधायकों के पार्टी में दब-दबे से नाराज है।

सूत्र बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली के एक पार्षद का नाम महापौर पद के लिए तय हो गया था लेकिन विधायक ने अपनी पत्नी पार्षद के साथ अपने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी।

जिससे पार्टी ने दवाब में आकर उस पार्षद को प्रत्याशी बनाने के लिए की चर्चा को खत्म करना पड़ा। फिर दूसरे पार्षदों के नाम पर चर्चा करनी पड़ी।

महापौर चुनाव में अभी कई मुश्किल हैं

दिल्ली में महापौर चुनाव होगा या नहीं यह अभी कहा नहीं जा सकता क्योंकि अभी इसमें कई मुश्किल हैं और पेंच फंसा हुआ है। सबसे पहला पेंच चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी चुनने का है।

हर वर्ष महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी उपराज्यपाल द्वारा चुना जाता है। इसमें निवर्तमान महापौर भी पीठासीन अधिकारी हो सकते हैं या फिर कोई अन्य पार्षद।

चूंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं तो यह फाइल उपराज्यपाल के पास कैसे जाएगी यह बड़ा सवाल है। क्योंकि यह फाइल निगम से होते हुए दिल्ली सरकार में शहरी विकास सचिव फिर मुख्य सचिव और फिर शहरी विकास मंत्री के बाद सीएम के पास जाती है।

सीएम एलजी को भेजते हैं। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अभी तक महापौर चुनाव के लिए इजाजत नहीं आई है। निगम सूत्रों के मुताबिक मंजूरी के लिए यह फाइल भेजी गई थी लेकिन मंजूरी नहीं आई है।

ऐसे में मंजूरी नहीं आई तो यह चुनाव टल भी सकता है। इससे पहले 2014 में भी निगम ने मंजूरी ली थी जिसमें आयोग ने आम चुनाव के बाद चुनाव की प्रक्रिया कराने की बात कही थी साथ ही यह कहा था कि कोई नई धोषणा इसमें नहीं हो सकती है।

कौन-कौन हैं महापौर व उप महापौर पद का प्रत्याशी

महापौर पद के लिए

- महेश कुमार (आप)

(वार्ड संख्या 84,देव नगर)

-कृष्ण लाल( (भाजपा)

(वार्ड संख्या 62 , शकुरपुर)

उप-महापौर पद के लिए

-रवींद्र भारद्वाज (आप)

(वार्ड संख्या 41- अमन विहार)

- नीता बिष्ट (भाजपा)

(वार्ड संख्या 247 सादतपुर)

-नरेंद्र कुमार(आप)

(वार्ड संख्या 119 मंगलापुरी)

-विजय कुमार(आप)

(वार्ड संख्या 192 त्रिलोकपुरी)

किसके पास हैं कितने सदस्य

आम आदमी पार्टी: 134 व 1 निर्दलीय

राज्यसभा सदस्य: 3

विधायक: 13

भाजपा : 104 व 1 निर्दलीय

सांसद : 7

विधायक : 1

मनोनीत सदस्य : 10

कांग्रेस : 9

निर्दलीय: 1

कौन करते हैं महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए वोट

250 निर्वाचित पार्षद

सात लोकसभा सांसद

तीन राज्यसभा सदस्य

14 विधायक

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