DTC बसों की खरीद पर सियासत, 500 बसें खरीदने के लिए HC पहुंची केजरीवाल सरकार
एक दिव्यांग समेत कांग्रेस नेता अजय माकन ने जनहित याचिका दायर कर बसों की खरीद का विरोध किया है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग ने बुधवार को हाई कोर्ट से मांग की कि उन्हें ग्रामीण इलाकों के लिए 500 स्टैंडर्ड फ्लोर बसें (एसएफबी) खरीदने की अनुमति दी जाए। दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग ने मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ को बताया कि एसएफबी दिव्यांगों के अनुकूल है और इसमें हाइड्रोलिक लिफ्ट भी है।
लो-फ्लोर की जगह 2000 स्टैंडर्ड फ्लोर बसें (एसएफबी) खरीदने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर करने वाले दिव्यांग निपुन मल्होत्रा के वकील जय ने दलील दी कि ट्रक चेसिस पर बने एसएफबी दिव्यांगों के अनुकूल नहीं हैं।
उनके वकील ने कहा कि ग्रामीण इलाके में भी दिव्यांग हो सकते हैं। ऐसे में एसएफबी खरीदने के पीछे ग्रामीण इलाकों की खराब सड़क का हवाला देना ठीक नहीं है। अच्छी सड़क उपलब्ध कराने के लिए सरकार जिम्मेदार है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
वहीं, दूसरी ओर इसी मामले में याचिका दायर करने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के वकील अमन पंवार ने भी एसएफबी की खरीद का विरोध किया। याचिकाकर्ता की दलीलों का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग ने दावा किया कि डीटीसी के बेड़े में 40 फीसद बसों की कमी है। ऐसे में स्टैंडर्ड फ्लोर बसें खरीदनी जरूरी हैं।
डीटीसी ने दावा किया कि लो फ्लोर बसें न सिर्फ ज्यादा महंगी हैं, बल्कि इसके रखरखाव का खर्च भी अधिक है। यह भी कहा कि दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने वाली बसों की ऊंचाई तय करने का अधिकार दिल्ली सरकार को है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली सरकार ने स्टैंडर्ड फ्लोर बसों को बताया दिव्यांगों के अनुकूल। ग्रामीण इलाकों के लिए बसें खरीदने की हाई कोर्ट से मांगी इजाजत। फैसले के खिलाफ दो जनहित याचिकाएं की गईं दायर।