लोगों से भरी थी मंडी, बम फटते ही मच जाती तबाही, जानिए धमाके के लिए शुक्रवार का दिन क्यों चुना गया
शुक्रवार को त्योहार का दिन था। सुबह से ही मंडी में खरीदारों की भीड़ जुटी हुई थी। यदि बम फटता तो मंडी में लोगों के चिथड़े उड़ जाते।पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौती थी एक बम और दूसरा लोगों की सुरक्षा।फूल मंडी के गेट पर ही बम रखा हुआ था।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। मकर संक्रांति के साथ ही शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। दिल्ली की इकलौती बड़ी फूल मंडी गाजीपुर में है। इसके बराबर में ही सब्जी मंडी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साजिशकर्ताओं ने इस धमाके के लिए शुक्रवार का ही दिन क्यों चुना क्योंकि शुक्रवार को त्योहार का दिन था। सुबह से ही मंडी में खरीदारों की भीड़ जुटी हुई थी। यदि बम फटता तो मंडी में लोगों के चिथड़े उड़ जाते। पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौती थी एक बम और दूसरा लोगों की सुरक्षा। फूल मंडी के गेट पर ही बम रखा हुआ था। लोगों को बाहर निकालने का सिर्फ एक रास्ता था वो था सब्जी मंडी का।
भगदड़ मचने से पुलिस ने रोका
भगदड़ मचाए बिना भीड़ को दोनों मंडी से बाहर निकालने में पुलिस की सांसें फूल रही थीं। पुलिस ने मंडी में किसी को नहीं बताया कि बम है। सिर्फ यह बताया कि लावारिस बैग है। ताकि कोई भगदड न मचे। इसके बाद आराम से लोगों को सब्जी मंडी के गेट से बाहर निकाला गया। हालांकि लोग परेशान भी थे कि आखिर पुलिस बिना सामान खरीदे उन्हें बाहर क्यों कर रही है। कोई पुलिस से कह रहा था कि शादी के लिए फूल व सब्जी खरीदने आए हैं तो किसी ने कहा उन्होंने पहले से फूल के आर्डर दिए हैं। बिना लिए वह नहीं जा सकते।
एक दिन में एक लाख लोग आते हैं
मंडी के एक अधिकारी ने बताया कि गाजीपुर सब्जी व फूल मंडी में एक दिन में करीब एक लाख लोगों का आवागमन होता है। इसमें किसान व ग्राहक दोनों शामिल हैं। दोनों मंडी में छह सौ से अधिक दुकानें हैं।
भीड़ भाड़ वाली जगह को बम के लिए चुना
गणतंत्र दिवस का समय है। बाजारों व रिहायशी इलाकों में पुलिस की सख्ती है। मंडी एक ऐसी जगह है, जहां एक दिन में एक लाख लोग पहुंचते हैं। आशंका है कि भीड़ अधिक होने की वजह से मंडी को बम रखने के लिए चुना गया। यहां ज्यादा सुरक्षा नहीं रहती है। थोड़ी थोड़ी देर में वाहनों में सामान आता जाता रहता है।