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मनीष सिसोदिया बोले, अलका लांबा से नहीं मांगा गया इस्तीफा

अलका लांबा के इस्तीफे की अटकलों को लेकर हुए हंगामे पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि किसी भी विधायक से इस्तीफा नहीं मांगा गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 11:20 PM (IST)
मनीष सिसोदिया बोले, अलका लांबा से नहीं मांगा गया इस्तीफा
मनीष सिसोदिया बोले, अलका लांबा से नहीं मांगा गया इस्तीफा

 राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के पढ़े गए प्रस्ताव और विधायक अलका लांबा के इस्तीफे की अटकलों को लेकर हुए हंगामे पर शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि किसी भी विधायक से इस्तीफा नहीं मांगा गया है। न किसी ने इस्तीफा दिया और न ही किसी पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया है।

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वह और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के पक्ष में नहीं है। इस्तीफे की बात को लेकर जो कुछ चल रहा है वह मीडिया द्वारा फैलाया गया है। अलका लांबा ने भी इस बाबत किसी से बात नहीं की है।

 

सिसोदिया ने कहा कि 1984 और 2002 के दंगों के बारे में पूरा देश जानता है। जिनके हाथ खून से रंगे हुए हैं वे अब मोहब्बत की राजनीति न करें। वहीं कांग्रेस और भाजपा के बयान व अलका लांबा के इस्तीफे को लेकर मीडिया की खबरों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वह सही नहीं है। महागठबंधन में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गठबंधन कहां है? मीडिया के लोग ही गठबंधन की बातें फैला रहे हैं।

उधर, आप के मुख्य प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान जो मूल लेख सदन में पेश किया गया था, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संबंध में कोई भी बात नहीं थी। उस संकल्प में वह लाइन बाद में हाथ से लिखी गई।

भारद्वाज ने कहा कि दो दिवसीय विधानसभा सत्र की कार्यवाही में यह प्रस्ताव मैंने ही रखा था। इस चर्चा में विधायक सोमनाथ भारती ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में कुछ वक्तव्य रखे थे। उसके बाद विधायक जरनैल सिंह ने 1984 में हुए सिख कत्लेआम पर अपने वक्तव्य रखे।

जरनैल सिंह के बोलने से पहले सोमनाथ भारती ने सभी विधायकों को दी जाने वाली कॉपी पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में एक लाइन लिखकर जरनैल सिंह को दे दी। जरनैल सिंह ने प्रस्ताव पढ़ते हुए वह लाइन भी उसी के साथ पढ़ दी।

भारद्वाज के मुताबिक सदन में राजीव गांधी के बारे में कोई भी प्रस्ताव पास नहीं हुआ। जो प्रस्ताव विधानसभा के पटल पर रखा गया, उसमें इस प्रकार की कोई भी लाइन नहीं थी, जो कल से मीडिया में दिखाई जा रही है।

राजीव गांधी के त्याग को देश कभी नहीं भुला सकता: अलका लांबा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की शनिवार को प्रेसवार्ता के बाद आप विधायक अलका लांबा ने कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट कर कहा कि मुझे बेहद ख़ुशी महसूस हो रही है कि पार्टी ने देश द्वारा राजीव गांधी जी को दिए गए भारत रत्न का समर्थन किया है, राजीव गांधी के बलिदान और त्याग को यह देश कभी नहीं भुला सकता है। मैं उस प्रस्ताव की प्रति को हटा रही हूं, जो कि विधानसभा में पास ही नहीं हुआ।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी को मेरी श्रद्धांजलि। युवाओं को 18 वर्ष की उम्र में वोट का अधिकार, पंचायती राज की स्थापना, देश में टेलीकॉम-कंप्यूटर क्रांति, यह सब उन्हीं की देन है।


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