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उद्यमिता पाठ्यक्रम : मनीष सिसोदिया ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था रोजगार मांगने नहीं, देने वाली बने

मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली सरकार का उद्यमिता पाठ्यक्रम (एंटरप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम) देश की आर्थिक विकास में योगदान देगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 08:56 AM (IST)
उद्यमिता पाठ्यक्रम : मनीष सिसोदिया ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था रोजगार मांगने नहीं, देने वाली बने

नई दिल्ली, जेएनएन। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के दो सौ उद्यमियों से मुलाकात कर विभिन्न मसलों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का उद्यमिता पाठ्यक्रम (एंटरप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम) देश की आर्थिक विकास में योगदान देगा। इस पाठयक्रम का लक्ष्य जीडीपी के मामले में देश को एक बार फिर पांचवें स्थान या उससे भी ऊपर लाने की चुनौती को पूरा करना है।

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उद्यमियों से सिसोदिया ने कहा कि जीडीपी की बात करें तो भारत आज दो स्थान नीचे खिसक गया है। सरकार चाहे किसी की हो, अर्थव्यवस्था का धीमा होना सभी को प्रभावित करता है। भारत को विकास की पटरी पर लाने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा। आज हमारे सामने चुनौती है कि दिल्ली, भारत को 5वें स्थान पर या ऊपर लाने में क्या योगदान कर सकती है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में इसी साल कक्षा 9 से 12 के लिए उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि उद्यमी समुदाय का नियमित रूप से जुड़ाव इन बच्चों के साथ हो। उन्होंने बताया कि कई शीर्ष संस्थान आज उद्यमिता पाठयक्रम चला रहे हैं। इससे छात्र व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बन रहे हैं। लेकिन, जो कमी है वह उद्यमशीलता के प्रति मानसिकता बदलने की है।

सिसोदिया ने बताया कि हमारे कॉलेजों से निकलने वाले 99 फीसद स्नातक नौकरी चाहने वाले हैं। हम चाहते हैं कि भारत रोजगार देने वाली अर्थव्यवस्था बने। मौजूदा हालातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज एक अच्छे दिमाग वाले को माइक्रोसॉफ्ट, एडोब आदि में नौकरी मिलती है और इसे हम सफलता का प्रमाण मानते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था को सिर्फ उस व्यक्ति की तनख्वाह और उसके द्वारा भरे जाने वाले टैक्स से गति मिलती है। लेकिन, जो आमदनी इन कंपनियों से होती है, वह भारत में नहीं बल्कि उनके देशों में लौट जाती है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारतीय इन बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं। लेकिन हम इस रास्ते पर कभी भी अपनी क्षमता को प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

उद्यमियों को बच्चों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि हम फेसबुक, गूगल के संस्थापकों से लेकर बिट्टू टिक्कीवाला तक कई सफल उद्यमियों की कहानियां छात्रों को सिखा रहे हैं। हम प्रत्येक छात्र को व्यवसाय शुरू करने और उससे लाभ कमाने के लिए, एक हजार रुपये भी दे रहे हैं, लेकिन उन्हें आपके मार्गदर्शन की आवश्यकता है। आपको अपने संघर्षो और सफलताओं को उनके साथ साझा करना होगा। प्रत्येक वर्ष प्रत्येक छात्र 8-10 उद्यमियों के साथ बातचीत करेगा।

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