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एसडीएम व्यस्त, भूख से बच्चियों की मौत की जांच में हो सकती है देरी

यमुना में जलस्तर बढ़ने से दिल्ली में बाढ़ का खतरा है। इसलिए दिल्ली के सभी जिलाधिकारी, एडीएम व एसडीएम की यमुना किनारे बसे इलाकों में ड्यूटी लगाई गई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 12:13 PM (IST)
एसडीएम व्यस्त, भूख से बच्चियों की मौत की जांच में हो सकती है देरी
एसडीएम व्यस्त, भूख से बच्चियों की मौत की जांच में हो सकती है देरी

नई दिल्ली (शुजाउद्दीन)। मंडावली में एक ही परिवार की तीन बच्चियों की भूख से मौत की जांच में देरी हो सकती है। इसकी वजह है दिल्ली पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा। यमुना नदी में बढ़ रहे जलस्तर से पूर्वी दिल्ली में यमुना किनारे बसे इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है। इसलिए दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारी, एडीएम से लेकर सभी एसडीएम की यमुना के किनारे बसे इलाकों में ड्यूटी लगा दी है, जबकि एसडीएम के पास ही भूख से मौत मामले की जांच की भी जिम्मेदारी है।

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जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 27 जुलाई को एसडीएम अरुण गुप्ता ने डिविजनल कमिश्नर को लिखित में घटनाक्रम की जानकारी दी। उसके बाद से जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। यमुना का जलस्तर कम होने के बाद ही अब जांच को गति मिल सकती है।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल निवासी मंगल सिंह की तीन बेटियों मानसी, शिखा और पारुल की 24 जुलाई को एक साथ मौत हो गई थी। दिल्ली सरकार ने 25 जुलाई को एसडीएम को जांच का आदेश दिया था और दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। डिविजनल कमिश्नर को दी गई प्राथमिक जानकारी में एसडीएम ने भूख से इतर उल्टी-दस्त के बिंदु पर जांच को तवज्जो दी है। इसमें घर से दवा मिलने का भी जिक्र किया गया है।

वहीं, पहले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भूख से मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसलिए अब मेडिकल बोर्ड, एसडीएम और विसरा रिपोर्ट पर ही सबकी निगाह टिकी है। जांच के क्रम में पुलिस ने आसपास के मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। मेडिकल स्टोर वालों को पीड़ित परिवार का फोटो दिखाकर यह पूछा जा रहा है कि इनमें से कोई उनके पास कभी दवा लेने पहुंचा था या नहीं।

राशन कार्ड क्यों नहीं बना कोई जानने नहीं पहुंचा

जिस मकान में बच्चियों की मौत हुई, उसमें 30 से 35 परिवार किराये पर रहते हैं। किसी के पास राशन कार्ड नहीं है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आदेश दिया था कि मौके पर जाकर पता करें कि पीड़ित परिवार और अन्य लोगों के राशन कार्ड क्यों नहीं बने। बावजूद वहां रहने वालों की मानें तो आज तक राशन कार्ड के बाबत जानकारी लेने के लिए कोई अधिकारी नहीं आए।

बच्चियों की मृत्यु पर चांदनी चौक में कांग्रेस का कैंडल मार्च

मंडावली में भूख से तीन बच्चियों की मौत से व्यथित चांदनी चौक जिले के कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने झंडेवालान चौक से आजादपुर तक कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च में पूर्व विधायक कुंवर करन सिंह के अलावा चांदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो. उस्मान, महमूद जिया, सुदामा पासवान, संजय सहगल, प्रमोद शर्मा, आकांक्षा ओला, साईं अनामिका, कमलेश चौधरी, जय किशन भारती व प्रमोद शर्मा सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए। इस मौके पर मो. उस्मान ने कहा कि तीनों बच्चियों के पिता बेरोजगार थे और सबसे बड़ी बेटी सरकारी स्कूल में पढ़ रही थी। उसे स्कूल में मिड-डे मील सही तरीके से नही मिला। स्थानीय डिस्पेंसरी ने उनका इलाज सही ढंग से नहीं किया। यह राज्य सरकार की नाकामी को दर्शाता है। यह हादसा उप मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में उनके स्थानीय कार्यालय के नजदीक हुआ है और उनको इस परिवार की दयनीय स्थिति की खबर तक नहीं थी।

मासूमों के कमरे से गिलास और कप जब्त

मंडावली के पंडित चौक इलाके में भूख से मौत मामले में पुलिस ने बच्चियों के कमरे से कुछ कागज के कप व प्लास्टिक के गिलास जब्त कर एफएसएल की जांच के लिए लैब भेज दिया गया है। पुलिस टीम बच्चियों के पिता मंगल सिंह को तलाशने के लिए पश्चिम बंगाल गई है। मंगल का घर मालदा जिले के लश्करपुर गांव के काले टोला में बताया जा रहा है। बकौल पुलिस, इहबास में भर्ती बच्चियों की मां वीणा देवी की हालत में सुधार है। खाना पीना शुरू कर दिया है पर बात नहीं कर रही हैं।


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