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सोशल मीडिया पर नोट छापने की ली ट्रेनिंग, शख्स ने घर बैठे छाप दिए 17 लाख के 'नोट'

नोटबंदी के बाद छोटे नोटों की बाजार में किल्लत हो गई थी। तभी अनमोल के दिमाग में नकली नोट छापने की सूझी।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 12:38 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 12:38 PM (IST)
सोशल मीडिया पर नोट छापने की ली ट्रेनिंग, शख्स ने घर बैठे छाप दिए 17 लाख के 'नोट'

फरीदाबाद (जेएनएन)। दिल्ली के जिस अनमोल नाम के शख्स को पुलिस ने 100 के नकली नोट छापने के आरोप में गिरफ्तार किया, उसने नकली नोट छापना यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर सीखा। यहीं से उसे पता चला कि एक अच्छे स्कैनर और कलर पिंट्रर से नकली नोट छापे जा सकते है। लैपटॉप और कटर की भी उसे जरूरत पड़ी। यह सारा सामान उसने करीब 50 हजार रुपये में जुटा लिया। वह नोट छापने के लिए स्टेशनरी की दुकान से कागज लेकर आता था। स्कैनर से 100 रुपये का नोट स्कैन कर लैपटॉप में सेव कर लेता था। यहां फोटोशॉप की सहायता से उसमें रंग वगैरह ठीक करता, इसके बाद पिंट्र कर देता था। इसके बाद बड़ी सावधानी से नोट को कटर की सहायता से सही आकार में काट लेता था। हालांकि, यह देश के लिए खतरे की बात है कि नकली नोट छापने का पूरा सामान और विधि यू-ट्यूब पर उपलब्ध है।

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गौरतलब है कि अनमोल स्नातक है। पहले वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में कस्टमर एग्जीक्यूटिव की नौकरी करता था। इससे उसके शौक पूरे नहीं हो रहे थे। क्राइम ब्रांच प्रभारी संदीप मोर के अनुसार, अनमोल आसान तरीके से पैसे कमाने की तरकीब सोचता रहता था। नोटबंदी के बाद छोटे नोटों की बाजार में किल्लत हो गई थी। तभी उसके दिमाग में नकली नोट छापने की सूझी। उसे मालूम था कि लोग 100 रुपये के नोट को लेते समय लापरवाही बरतते हैं, इसलिए उसने यही नोट छापने की ठानी। नकली नोट में सही रंग और आकार लाने में उसे कई महीने लग गए थे।

17 लाख के नकली नोट के साथ युवक गिरफ्तार

यहां पर बता दें कि स्कैनर, पिंट्रर व कटर की सहायता से 100-100 के नकली नोट छापकर बाजार में खपाने वाले सुभाष नगर (राजौरी गार्डन, दिल्ली) निवासी युवक अनमोल को फरीदाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 17 लाख के नकली नोट मिले हैं। पुलिस ने लैपटॉप, स्कैनर, पिंट्रर और कटर भी बरामद किए। पुलिस के अनुसार, अनमोल ने माना कि अब तक वह सात लाख के नकली नोट खपा चुका है।

क्राइम ब्रांच के प्रभारी संदीप मोर ने बताया कि आरोपित अनमोल देर शाम घर से निकलता और ऑटो में थोड़ी दूरी के लिए बैठता। ऑटो चालक को वह 10 रुपये का किराया देने के लिए 100 का नकली नोट देता। चालक अंधेरे में नोट को ठीक से नहीं देख पाता था और 10 रुपये काटकर उसे 90 रुपये लौटा देता था। इसके अलावा केला, चाट, आम आदि की रेहड़ियों पर भी वह इसी तरह 100 के नकली नोट चलाता था। दिन में वह 10 से 15 नोट खपाकर वह घर लौट जाता था।

पांच-छह महीने से वह इसी काम में जुटा हुआ था। अनमोल ने पुलिस को बताया कि 100 रुपये के नोट लेते समय लोग जांच नहीं करते। आज भी धारणा यही है कि 100 के नोट नकली नहीं होते। इसी कारण उसने 100 रुपये के नोट छापने की सोची। अनमोल को सोमवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।


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