शुंगलू कमेटी ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल, कांग्रेस ने केजरीवाल को घेरा
माकन ने कहा कि 9 सलाहकारों की नियुक्तियां गैर कानूनी थी
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। शुंगलू कमेटी द्वारा सवाल उठाए जाने पर के बाद मंगलवार को दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी के 9 सलाहकारों की नियुक्तियां रद करने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी आम सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। प्रदेश कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली सरकार ने जनता के पैसों से अपने कार्यकर्ताओं को रेवडिय़ां बांटी है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के मंत्रियों के 9 सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द कर दी है इसमें कोई आश्चर्य की बात नही है। क्योंकि शुंगलु कमेटी ने अपनी 28 नवम्बर 2016 की रिपोर्ट में यह कहा था कि दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के 71 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में अनियमितताए की थी।
माकन ने कहा कि न सिर्फ उनकी नियुक्ति गैर कानूनी थी बल्कि बहुत सभी लोगों को वेतन के अलावा अन्य सुविधाएं 1.30 लाख रुपए प्रतिमाह तक दिया गया था जो कि पहले कभी नही हुआ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आप पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा की गई 9 सलाहकारों की नियुक्तियों को रद कर दिया है और यह कहा है कि इन पदों को गैर कानूनी तरीके से बनाया गया है उसी प्रकार यह नियुक्तियां भी गैर कानूनी थी।
एक आदेश मे मंगलवार को जनरल प्रशासन विभाग ने कहा कि उनको गृह मंत्रालय से एक स्पष्टीकरण 10 अप्रैल को मिला है कि इन 9 पदों की जो नियुक्ति की गई थी वह उस सूची में नही है जो कि मुख्यमंत्री तथा मंत्रियों के लिए पदों की अनुमति की गई थी और इन पदों को बनाने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति नही ली गई थी क्योंकि इन लोगों को को-टर्मिनस के आधार पर नियुक्त किया गया था जबकि गृह मंत्रालय के आफिस मेमोरेंडम दिनांक 3/9/1997 के जीएडी में यह कहा गया था।
माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने न सिर्फ इन 9 पदों की नियुक्ति में अनियमितताए की थी जबकि उन्होंने मत्रियों के 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति भी गैर कानूनी ढंग से की थी। आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने आप पार्टी के समर्थकों को करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग करते हुए उच्च वेतन पर सलाहकारों तथा अन्य पदों पर नियुक्तियां की है।
जिनको कि गृह मंत्रालय के आदेश के चलते खत्म करना पड़ा। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों के हितों में काम नही कर रही है। जबकि लोगों ने इनको अप्रत्याशित बहुमत देकर दिल्ली की बागडोर सौंपी थी।
आप पार्टी की दिल्ली सरकार जनता के पैसे पर डाका डालकर अपने कार्यकर्ताओं की गैर कानूनी तरीक से नियुक्ति कर रही रही है जबकि उनको दिल्ली का प्रशासन दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए चलाना चाहिए था।