Delhi News: लखनऊ के अर्णव को ब्रेनडेड बच्ची के अंगदान से मिला नया जीवन, परिवार ने दान किया लिवर और किडनी
डा. नीरव गोयल ने बताया कि सौभाग्य से राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) से नीलम के अंगदान की सूचना मिली। इसके बाद अर्णव को करीब पांच घंटे के भीतर लखनऊ से सड़क मार्ग से दिल्ली लाया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सात वर्षीय ब्रेनडेड बच्ची के अंगदान से एक छह वर्षीय बच्चे को नया जीवन मिला है। दरअसल, ब्रेनडैड नीलम के परिवार ने डाक्टरों की सलाह पर लिवर और किडनी दान करने का फैसला किया। इससे लखनऊ निवासी छह साल के अर्णव में अंग प्रत्यारोपण किया गया, जो सफल रहा। इससे उसकी जान बच गई। यह अंगदान अपोलो अस्पताल में किया गया।
अस्पताल के निदेशक डा. अनुपम सिब्बल ने बताया कि अर्णव लैंगरहैंस जाइंट सेल हेमोफैगोसाइटोसिस (एलसीएच) से पीड़ित था। एलसीएच एक ऐसा दुर्लभ विकार है, जो अस्थि मज्जा और लिवर के साथ-साथ एक से अधिक अंगों को प्रभावित कर सकता है। डा. सिब्बल के अनुसार लिवर में स्क्लेरोज़िंग हैजांगाइटिस विकसित हो सकता है जिसकी वजह से फाइब्रोसिस और सिरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। कीमोथैरेपी के बाद अर्णव का लिवर प्रत्यारोपण होना जरूरी था। लेकिन, चिकित्सकीय समस्याओं के चलते मरीज के परिजनों के पास सही अंगदाता नहीं था।
अपोलो अस्पताल में लिवर प्रत्यारोपण के वरिष्ठ डा. नीरव गोयल ने बताया कि सौभाग्य से राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) से नीलम के अंगदान की सूचना मिली। इसके बाद अर्णव को करीब पांच घंटे के भीतर लखनऊ से सड़क मार्ग से दिल्ली लाया गया।
पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एनएचएआइ के सहयोग से समय रहते लिवर उपलब्ध हो गया। रात करीब 10 बजे लिवर प्रत्यारोपण शुरू किया और सुबह करीब आठ बजे तक चला यह प्रत्यारोपण अंत में सफल रहा। कोई परेशानी न होने के चलते मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।