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शादी समारोह से जुड़ा यह नियम 2 करोड़ दिल्ली वालों को कर सकता है खुश, पढ़िए- पूरी स्टोरी

इस नई पॉलिसी को लागू करने को लेकर जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह तक नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। नियम लागू होने के बाद दिल्ली के लोगों को काफी हद राहत मिलेगी।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 07:35 AM (IST)
शादी समारोह से जुड़ा यह नियम 2 करोड़ दिल्ली वालों को कर सकता है खुश, पढ़िए- पूरी स्टोरी
शादी समारोह से जुड़ा यह नियम 2 करोड़ दिल्ली वालों को कर सकता है खुश, पढ़िए- पूरी स्टोरी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दिल्ली में शादियों में होने वाले खाने और पानी की बर्बादी पर नाराजगी जताने के बाद दिल्ली सरकार आने वाले समय में भव्य विवाह कार्यक्रमों पर रोक लगा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के नाराजगी जताने के बाद दिल्ली सरकार ने एक नई पॉलिसी बनाने का मन बनाया है। सरकार से जुड़े  सूत्रों की मानें तो इस नई पॉलिसी काम भी हो रहा है, हो सकता है आगामी कुछ महीने में यह धरातल पर भी उतर जाए। सूत्रों की मानें तो इस नई पॉलिसी को लागू करने को लेकर जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह तक नोटिफिकेशन भी जारी किया जा सकता है।

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सुरक्षा राशि के रूप में पांच लाख की राशि जमा करानी होगी

इस नीति के लिए मुख्यसचिव की ओर से एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी से चर्चा के बाद नीति का मसौदा तैयार किया गया है। इस पॉलिसी की तहत आयोजक को किसी भी आयोजन के लिए कार्यक्रम स्थल के संचालक के पास पांच लाख की सुरक्षा राशि जमा करानी होगी।

नियमों का पालन नहीं होने पर होगी सख्त कार्रवाई

नया नियम लागू होने पर इसका पालन नहीं होने पर होटल, मोटल व फार्म हाउस पर पहली बार में पांच लाख, दूसरी बार 10 लाख और तीसरी बार 15 लाख का जुर्माना लगेगा। कार्यक्रम खत्म होने के बाद उसे सील भी कर दिया जाएगा। तीसरी बार नियम टूटता है तो एक माह से लेकर एक साल तक लाइसेंस रद किया जा सकता है।

मेहमानों की संख्या भी होगी तय
पार्किंग से अव्यवस्था न हो और यातायात जाम न हो, इसकी जिम्मेदारी आयोजन स्थल संचालक की होगी। इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। मेहमानों की संख्या प्लान के अनुसार, नगर निगमों व नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के लिए अलग अलग तय होगी। 

मंजूरी के लिए आवेदन और शिकायत वेब पोर्टल पर करनी होगी

शिकायत के लिए एक कॉमन पोर्टल बनेगा, जिसमें सभी एजेंसियां शामिल होंगी। कार्यक्रम स्थल का मालिक, ऑपरेटर या जिसे कार्यक्रम आयोजित करना है, वह अनुमति लेने के लिए इस पोर्टल पर आवेदन करेगा। अंडरटेकिंग और फीस ऑनलाइन जमा करने पर संबंधित एजेंसियां जांच करेंगी और कार्यक्रम के लिए अनुमति मिलने या नहीं मिलने की जानकारी देंगी।

मेहमानों के बारे में देनी होगी जानकारी

कार्यक्रम में कितने मेहमान आएंगे। कार्यक्रम कितने बजे से शुरू होगा, कितने बजे समाप्त होगा। खाना बचता है तो जरूरतमंदों के लिए वे किस संस्था या एनजीओ के पास पहुंचाएंगे, इसकी जानकारी देनी होगी। एनजीओ या संस्था का नाम, पता व टेलीफोन नंबर भी देना होगा।

ये नियम हो सकते हैं लागू

  • नई पॉलिसी में सरकार शादी समारोह आमंत्रित मेहमानों की संख्या बेहद कम यानी सीमित कर सकती है।
  • विवाह समारोह में बचा हुआ भोजन वंचितों को देने का नियम लागू हो सकता है।
  • समारोह स्थल के मालिकों से यह नियम पालन करना होगा कि विवाह कार्यक्रम की वजह से ट्रैफिक बाधित नहीं होगा। तय होगी मेहमानों की संख्या
  • मेहमानों की संख्या पर भी नियम होगा
  • कितने महमान बुलाए जा सकते हैं,इसका आधार कार्यक्रम स्थल और पार्किंग लॉट के हिसाब से तय होगा
  • अधिकतम मेहमानों की संख्या कार्यक्रम स्थल के वर्ग मीटर क्षेत्र को 1.5 से विभाजित करके प्राप्त की गई संख्या होगी या पार्क की जा सकने वाली कारों की संख्या का चार गुना। नियम के मुताबिक, इन दोनों में जो भी संख्या कम होगी, उतने ही मेहमान अधिकतम बुलाए जा सकते हैं।
  • पहली बार उल्लंघन करने पर 5 लाख और दूसरी बार उल्लंघन करने पर 15 लाख जुर्माना और तीसरी बार उल्लंघन पर लाइसेंस भी कैंसल किया जा सकता है।
  • शादी समारोहों के लिए आयोजकों को स्थानीय निकायों को सात दिन पहले बताना होगा कि बाराती कितने होंगे।

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