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मानसून से पहले दिल्ली की जर्जर इमारतों की मरम्मत करें या ढहा दें, एलजी ने NDMC और MCD को दिया निर्देश

Delhi News दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) को मानसून आने से पहले जर्जर इमारतों की पहचान कर उनकी मरम्मत करने या उन्हें ढहा देने का निर्देश दिया है।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 07:40 AM (IST)
दिल्ली की जर्जर इमारतों की मरम्मत करें या ढहा दें, एलजी ने NDMC और MCD को दिया निर्देश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक्शन मोड में काम कर रहे दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अब नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), नगर निगम (एमसीडी) क्षेत्र में जर्जर व खतरनाक हो चुके भवनों की पहचान करने और दुर्घटना से बचाव के उद्देश्य से सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

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उन्होंने ऐसे भवनों की मरम्मत करने या फिर गिराने की कार्रवाई करने को कहा है। इस संबंध में एमसीडी के विशेष अधिकारी और आयुक्त के अलावा एनडीएमसी अध्यक्ष को लिखित निर्देश जारी कर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई शुरू करने और रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

एलजी ने एमसीडी और एनडीएमसी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि खतरनाक भवनों से कोई दुर्घटना या जान-माल का नुकसान न हो। इसके लिए स्थानीय निकायों को ऐसे संवेदनशील भवनों को गिराने या उनकी मरम्मत करने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा जाए। एलजी पद संभालने के बाद से ही मानसून के दौरान आम जनता को होने वाली परेशानियों को दूर करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

भीड़भाड़ वाले और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में किसी भी दुर्घटना की स्थिति में बचाव और राहत कार्य करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए एलजी ने एजेंसियों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए भी कहा है जो किसी भी आपात स्थिति में दमकल या क्रेन को काम करने के लिए सहज पहुंच वाले उपयुक्त स्थान प्रदान करें। इस बारे में संबंधित जिलाधिकारियों के परामर्श से प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए।

राजधानी में मानसून को लेकर तैयारियां अधूरी: जय प्रकाश

इससे पहले पूर्व महापौर ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कि विभागों ने नालों की सफाई अभी तक पूरी नहीं की है। इससे दिल्ली की सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। निगम ने अपने नालों की सफाई पूरी कर ली है और 688 नालों से 91380.25 मैट्रिक टन गाद निकाली है, लेकिन दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले नालों की सफाई नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि मानसून से पूर्व इन बड़े नालों से गाद निकालने का कार्य पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली की कालोनियों व सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जय प्रकाश ने कहा कि सभी को अपने विभागों को जल्द नालों से गाद निकालने के कार्य को पूरा करने का निर्देश देना चाहिए, जिससे मानसून के समय दिल्लीवासियों को जलभराव की स्थिति का सामना न करना पड़े।


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