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दिल्ली विधानसभा में मानसून सत्र का अंतिम दिन, 'मोदी महिला विरोधी' के लगे नारे

दिल्ली विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि कैबिनेट बैठक मे सीसीटीवी कैमरों की योजना मंजूर कर ली गई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 04:49 PM (IST)
दिल्ली विधानसभा में मानसून सत्र का अंतिम दिन, 'मोदी महिला विरोधी' के लगे नारे

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विधानसभा में पांच दिवसीय मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन रहा। पूरा मानसून सत्र पक्ष और विपक्ष की आपसी खींचतान और हंगामें में कट गया। अंतिम दिन भी विधानसभा का स्तर काफी हंगामेदार रहा। सीसीटीवी कैमरों और दिल्ली में बढ़ते अपराधों को लेकर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महिला विरोधी होने के नारे लगे। वहीं भाजपा ने सीसीटीवी कैमरों की योजना में देरी के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल और 280 की कार्रवाई पर रोक लगा दी।

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शुक्रवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सदन में पहुंचे। सदन में केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट बैठक में दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केजरीवाल ने भाजपा पर जमकर हमला किया। उन्होंने दिल्ली सरकार को काम न करने देने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी लपेटा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की वजह से सीसीटीवी कैमरों की योजना तीन साल से ज्यादा समय से लटकी हुई है।

अरविंद केजरीवाल ने सदन में कहा कि पूरी दिल्ली में अपराध बढ़ रहा है। महिलाओ के खिलाफ अपराध से लोग परेशान हैं। दिल्ली पुलिस कानून-व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से विफल रही है। दिल्ली को सुरक्षित बनाने में केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरी तरह से नाकाम रहा है।

दिल्ली की सड़कों पर हर वक्त गैरकानूनी तरीके से गाड़ियां रहती हैं। शराब के ठेकों और पार्कों में धड़ल्ले से ड्रग्स का धंदा होता है। इन पर सख्ती हुई तो दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस दोनों को शराब और पैसा बांटने में परेशानी होने लगेगी। हमनें सैद्धान्तिक रूप से 3 साल में दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन इन लोगों ने लगने नहीं दिया।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अंतिम मिनट में चीफ सेक्रेटरी से एक लेटर लिखवा दिया कि सीसीटीवी कैमरों की योजना का मामला बहुत जटिल है। केन्द्र सरकार जान-बूझकर तीन साल से मामले को अटका रही है। मनीष सिसोदिया ने विधानसभा अध्यक्ष से गुजारिश की कि सदन के रिकॉर्ड में ये दर्ज किया जाए कि केन्द्र सरकार द्वारा अफसरों का एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

वहीं आप विधायक अलका लांबा ने मुख्यमंत्री के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से सवाल पूछा है कि क्या उनकी बेटी है। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की योजना में देरी होने की मुख्य वजह चीफ सेक्रेटरी को बताया। साथ ही उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को हटाने की मांग रखी। सदन में उनका प्रस्ताव पास हो गया।

विजेंद्र गुप्ता ने सरकार को ही ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री द्वारा भाजपा और केन्द्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की योजना में तीन साल की देरी की वजह खुद केजरीवाल कैबिनेट है। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर काम करने के लिए केवल राजनीति करने का आरोप लगाया।

क्या होती है 280 की कार्रवाई
सत्र के दौरान प्रतिदिन विधानसभा की शुरुआत में पहले प्रश्न काल होता है। इसके बाद नियम 280 के तहत 10 विधायकों को अपने मुद्दे रखने का मौका दिया जाता है। सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल और 280 की कार्रवाई को निरस्त कर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों का वक्तव्य रख दिया।

हंगामे के बाद विधानसभा स्थगित
विधानसभा में भारी हंगामे के बाद अध्यक्ष ने कुछ देर के लिए सदन स्थगित कर दिया। दरअसल सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के विधायक बोलने का मौका देने की मांग कर रहे थे। बोलने का मौका नहीं मिलने पर वह हंगामा करने लगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने गत दिनों मंडावली में भूख से मरने वाली तीन बच्चियों के मामले में मुख्यमंत्री से वक्तव्य देने की मांग रखी। विधानसभा अध्यक्ष ने उनका मांग ठुकरा दी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष हंगामा करने लगे। इस पर एक बार फिर उन्हें मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकलवा दिया गया। दो दिन पहले भी विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल विजेन्द्र गुप्ता को तीन भाजपा विधायकों के साथ सदन से बाहर निकलवा दिया था।


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