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    Land For Job Scam Case: तेजस्वी यादव को आज मिलेगी राहत? डिप्टी सीएम ने CBI के समन को दिल्ली HC में दी चुनौती

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 16 Mar 2023 08:29 AM (IST)

    Land For Job Scam Case बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लैंड-फॉर-जॉब्स मामले को लेकर सीबीआई के समन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाए है। तेजस्वी यादव ने सीबीआई के तीन समनों को रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की है।

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    Land For Job Scam Case: तेजस्वी यादव को आज मिलेगी राहत?

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले (Land For Job Scam Case) में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को सीबीआइ की ओर से जारी समन को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चुनौती दी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की खंडपीठ गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।

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    याचिका में तेजस्वी ने कहा कि वह जांच में पूर्ण सहयोग और सहायता देने को तैयार हैं, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे मामले में कानून का उल्लंघन हो रहा है। सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस केवल स्थानीय अधिकार क्षेत्र में ही जारी किया जा सकता है, लेकिन वह पटना में रह रहे हैं और सीबीआइ दिल्ली में समन जारी कर रही है।

    उप मुख्यमंत्री होने के नाते विधानसभा के सत्र में शामिल होना उनका दायित्व है। इसलिए उन्होंने सत्र के खत्म होने तक का समय मांगा है। तेजस्वी ने याचिका में मांग की कि सीबीआइ को निर्देश दिया जाए कि पूछताछ के दौरान कानून द्वारा निर्धारित नियम तहत निश्चित दूरी पर अपने अधिवक्ताओं को रख सकें।

    लालू, राबड़ी और मीसा को अदालत से मिली जमानत

    नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी व सांसद मीसा भारती समेत अन्य आरोपितों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को नियमित जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश (सीबीआइ) गीतांजलि गोयल के समक्ष पेश अन्य आरोपितों के साथ लालू यादव व्हील-चेयर पर लाए गए। आरोपितों के अधिवक्ता ने दलील दी कि जांच के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई और बगैर गिरफ्तारी जांच एजेंसी ने आरोपपत्र दाखिल किया है।

    अधिवक्ताओं ने सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम सीबीआइ मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया। इसमें शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि ऐसे मामले में जहां आरोपित को या तो अभियोजन पक्ष द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है और जमानत पर रिहा किया गया है। अगर बगैर गिरफ्तारी के आरोपपत्र दाखिल किया गया है तो गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।

    अदालत ने पूछा कि क्या सीबीआइ जमानत का विरोध करेगी। एजेंसी ने इसका जवाब न में दिया। अदालत ने कहा कि धर्मेंद्र कुमार को छोड़कर सभी आरोपितों के खिलाफ बगैर गिरफ्तारी के आरोपपत्र दाखिल हुआ है। धमेंद्र कुमार को जमानत मिल चुकी है। ऐसे में शीर्ष अदालत द्वारा स्थापित तथ्य को देखते हुए लालू, राबड़ी, मीसा भारती के अलावा राज कुमार सिंह, मिथलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, विकास कुमार, अखिलेश कुमार, किरण देवी, अखिलेश्वर सिंह, रामाषीश सिंह, कमल दीप और सौम्या राघवन को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के एक जमानती पर रिहा किया जाता है।