दिल्ली: हेल्थ सेंटर में दवाइयों की कमी, मरीजों से फीस वसूल रहे हैं दवा विक्रेता
कुछ दवा विक्रेता निजी डॉक्टरों की तरह अपने यहां दवा लेने वाले मरीजों से फीस वसूल कर अपनी झोली भर रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। नजफगढ़ हेल्थ सेंटर में दवाइयों की कमी की वजह से मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर दौड़ना पड़ रहा है। जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं वे अस्पताल और निजी डॉक्टरों की फीस से बचने के लिए सीधे दुकानदारों से बगैर पर्ची की दवाई खरीदकर काम चला रहे हैं। इसका फायदा हेल्थ सेंटर के आसपास स्थित दवा विक्रेता उठा रहे हैं। दवा विक्रेता बगैर डॉक्टर की पर्ची के ही मरीजों को दवा बेच रहे हैं। यहीं नहीं सलाह देने के एवज में फीस भी वसूल रहे हैं।
दवा विक्रेता वसूल रहे हैं फीस
जानकारों का कहना है कि दवाई बेचने वालों के पास फर्मासिस्ट होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए। नजफगढ़ की फिरनी पर दवा बिक्री करने वाले ऐसे अधिकांश दुकानदारों के पास यह प्रमाण पत्र नहीं है। कुछ दवा विक्रेता निजी डॉक्टरों की तरह अपने यहां दवा लेने वाले मरीजों से फीस वसूल कर अपनी झोली भर रहे हैं।
हेल्थ सेंटर में दवाइयां नहीं मिल रही हैं
दरअसल, भारत सरकार के नजफगढ़ स्थित हेल्थ सेंटर शहर के बीचों बीच होने की वजह से कॉलोनियों और गांव के लोगों के लिए पहुंचना आसान होता है। इसलिए यहां पर हर समय मरीजों का आना जाना लगा रहता है। चूंकि, पिछले चार माह से नजफगढ़ के हेल्थ सेंटर में दवाइयां नहीं मिल रही हैं।
डॉक्टरों में रोष
ऐसे में अधिकांश मरीज यहां डॉक्टर की पर्ची लेकर सीधे दवा खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन हेल्थ सेंटर के डॉक्टरों की लिखी दवाएं यहां के दुकानों पर नहीं मिल रही हैं। ऐसे में उन्हें मजबूरन दवा विक्रेताओं की सलाह पर दूसरी दवाइयां लेनी पड़ती हैं, जबकि अधिकांश दवा बेचने वालों के पास फार्मासिस्ट होने की डिग्री भी नहीं है। वहीं, यहां पर तैनात ड्रग इंस्पेक्टर अपनी दुकानदारी करने में लगा है। इससे डॉक्टरों में रोष है।