Delhi Ration Scheme: दिल्ली में एक जुलाई से आपको राशन मिलना हो जाएगा बंद, अगर आपने नहीं कराया ये काम
राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे प्रवासी श्रमिकों और अन्य राज्यों से आए नौकरीपेशा लोगों ने अगर 30 जून तक अपना केवाईसी नहीं कराया तो एक जुलाई से उन्हें सरकारी राशन मिलने में परेशानी हो सकती है। इस केवाईसी के लिए उन्हें अपने पूरे परिवार के साथ एक बार अपने गृह राज्य जाना होगा। दिल्ली में सरकारी राशन की सुविधा ले रहे परिवारों की संख्या करीब चार लाख है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे प्रवासी श्रमिकों और अन्य राज्यों से आए नौकरीपेशा लोगों ने अगर 30 जून तक अपना केवाईसी नहीं कराया तो एक जुलाई से उन्हें सरकारी राशन मिलने में परेशानी हो सकती है। इस केवाईसी के लिए उन्हें अपने पूरे परिवार के साथ एक बार अपने गृह राज्य जाना होगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में सरकारी राशन की सुविधा ले रहे परिवारों की संख्या करीब चार लाख और लोगों की संख्या 20 लाख के आसपास है। इन सबका राशनकार्ड तो अपने-अपने राज्यों का बना है किंतु ‘वन नेशन, वन राशनकार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना के तहत ये लॉकडाउन के बाद से ही दिल्ली में अपना राशन ले रहे हैं।
राशनकार्ड रद्द होने का डर
अब इनके राज्यों में केवाईसी की अनिवार्यता कर दी गई है, जिसकी वजह से इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, इन्हें अपने राशनकार्ड रद्द होने का डर भी सताने लगा है।
इन राज्यों में हो रह केवाईसी
जानकारी के अनुसार राजस्थान, बिहार एवं उत्तर प्रदेश अपने राज्यों में जिलावार केवाईसी कर रहे हैं। नजदीक के कोटाधारक के पास जाकर ई-पाश मशीन में आधार कार्ड से पूरे परिवार, जिनका नाम राशनकार्ड पर है, उन सभी लाभार्थियों को केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
राशनकार्ड से नाम कटने का डर
कई राज्यों ने इसे लेकर सख्त निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि जो केवाईसी नहीं करवाएंगे तो वो अपने राशन कार्ड से मिल रहे खाद्यान्न का लाभ नहीं उठा सकेंगे। साथ ही अगर राशनकार्ड में जुड़े किसी भी लाभार्थी (परिवार के सदस्य) का केवाईसी नहीं कराया जाता है तो उसका नाम राशनकार्ड से काट दिया जाएगा।
पिछले तीन माह के दौरान दिल्ली में सरकारी राशन लेने वाले प्रवासियों की संख्या
माह लाभार्थी प्रवासी
मार्च 3,76,676
अप्रैल 3,55,638
मई 3,89,693
इसलिए पड़ी राज्यों को केवाईसी करवाने की जरूरत
ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके नाम खाद्य सुरक्षा सूची में फर्जी जुड़े हुए हैं और खाद्य सुरक्षा सूची में नए नाम जोड़े जाने का उन राज्यों का तय आंकड़ा पूरा हो चुका है। ऐसे में जो लोग सही मायने में पात्र हैं उन्हें सरकार द्वारा दिए जा रहे मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा। यदि केवाईसी करवाई जाती है तो ऐसे फर्जी नाम तो कटेंगे ही, साथ ही उन परिवारों का भी पता चलेगा जिनके किसी सदस्य की मृत्यु हो गई है लेकिन उसके नाम से अभी भी राशन लिया जा रहा है।
हम लोग प्रवासी लोगों को तभी तक राशन दे रहे हैं, जब तक ई पास सिस्टम इसकी अनुमति दे रहा है। अगर इस सिस्टम में इनके राज्यों से कोई रोक अथवा बाधा लगा दी जाती है तो हम इन्हें राशन नहीं दे पाएंगे। -शिवकुमार गर्ग, अध्यक्ष, दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (डीएसआरडीएस)