Kisan Andolan News: जानिये- दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को क्यों नहीं मिलने जा रही राहत
Kisan Andolan News किसानों ने दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को रास्ता रोका हुआ है। तीनों कृषि कानूनों के रद करने के पीएम मोदी के ऐलान के बावजूद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर रहा है - आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करने के दौरान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन इससे दिल्ली-एनसीआर के लाखों को राहत नहीं मिलेगी। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर बैठे किसान अभी आंदोलन खत्म नहीं करने वाले हैं। यह अलग बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की भी अपील की है। दरअसल, टीकरी, सिंघु, गाजीपुर और शाहजहांपर बार्डर पर बैठे सैकड़ों किसानों ने दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को रास्ता रोका हुआ है। तीनों कृषि कानूनों के रद करने के पीएम मोदी के ऐलान के बावजूद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर रहा है - 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।' इससे जाहिर है कि किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली-एनसीआर का बार्डर जल्द खाली करने नहीं जा रहे हैं।
गौरतलब हैकि दिल्ली-एनसीआर का चार बार्डर पर यूपी, हरियाणा के किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि हम किसानों के हित में यह तीनों कानून लेकर आए थे। पीएएम ने कहा कि शायद हम कुछ किसानों को इसके बारे में समझाने में असफल रहे। प्रधानमंभी नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान तीनों कानूनों को सदन के जरिए वापस ले लिया जाएगा।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए । एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।