क्या है तब्लीगी जमात, लॉकडाउन के दौरान हुए इसके कार्यक्रम ने उड़ा दी है पुलिस-प्रशासन की नींद
भारत में तब्लीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। भारत समेत पूरी दुनिया से इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों की जो टोली अपने-अपने घरों से निकलती है वह यहीं रुकती है।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस का संक्रमण अब दिल्ली में भी तेजी से पांव पसारने लगा है। इस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया था लेकिन इस दौरान भी लोग लापरवाही कर रहे हैं। इसी लापरवाही के कारण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके के हजारों लोग मुसीबत में आ गए हैं। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में लॉकडाउन का उल्लंघन करके आयोजित किए गए कार्यक्रम में करीब डेढ़ हजार लोग शामिल हुए। इन डेढ़ हजार लोगों में चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, इंग्लैंड के भी 200 से अधिक लोग मौजूद थे। आइए जानते हैं क्या है तब्लीगी जमात।
क्या है तब्लीगी जमात
जमात एक ऐसा संगठन है जो देश-दुनिया में इस्लाम के बारे में लोगों को बताता है। जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य है यह दावा किया जाता है। यह कोई सरकारी मदद नहीं लेता है। जमात अपना एक अमीर (अध्यक्ष) चुनते हैं और उसी के कहे अनुसार चलते हैं। जानकारी के अनुसार, भारत में तब्लीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। भारत समेत पूरी दुनिया से इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों की जो टोली अपने-अपने घरों से निकलती वह वह पहले निजामुद्दीन मरकज पहुंचती है। फिर यहां से उन्हें बताया जाता है कि उन्हें भारत के किस क्षेत्र में जाकर प्रचार-प्रसार करना है। या फिर किस देश में कितने दिनों के लिए इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करने जाना है। निजामुद्दीन मरकज में पूरे साल लाखों विदेशी व भारतीय जमातें पहुंचती हैं। यहां करीब डेढ़ हजार लोगों के खाने व ठहरने का इंतजाम होता है। फिर यहां से लोग अगल-अलग समूहों में धर्म के प्रचार के लिए निकलते हैं। एक समूह में 10 से लेकर 15 जमाती होते हैं।
करीब एक हजार लोग क्वारेंटाइन
निजामुद्दीन में हुए कार्यक्रम के बाद फिलहाल मरकज में एक हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। सोमवार सुबह से मरकज के बाहर स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों व अधिकारियों का आना-जाना लगा है। देर शाम यहां पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम भी पहुंची। क्वारेंटाइन किए गए सभी लोगों की जांच की जा रही है। निजामुद्दीन थाने क से लेकर गालिब अकादमी तक के रास्ते को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। डॉक्टरों के लिए कैंप ऑफिस बना दिए गए हैं। पूरे इलाके की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
200 से अधिक लोगों को भर्ती कराया
रविवार को मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर सोमवार तक करीब 200 से अधिक कोरोना संदिग्धों को यहां से निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया। बताया जा रहा है कि सोमवार को भी यहां करीब एक हजार लोगों को क्वारेंटाइन रखा गया था। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि मरकज में मौजूद कई लोगों को बुखार और जुकाम की शिकायत थी।
लंबे समय से चल रहा था कार्यक्रम
जानकार सूत्रों ने बताया कि यहां पर इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार व सुधार के लिए यहां पर नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। एक समय में इसमें करीब डेढ़ हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह 15 दिनों का बैच होता है। देश में कोरोना वायरस के मामले मिलने के बाद भी यहां पर जमातियों का आना-जाना लगा रहा। 15 मार्च के बाद भी लगातार यहां विदेशी जमाती आते-जाते रहे। लॉकडाउन के बाद भी यहां पर 1500 लोग मौजूद थे। इनमें चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के 100 से अधिक लोग मौजूद थे।
संपर्क में आए लोगों को खोजना सबसे बड़ी चुनौती
तबलीगी जमात में शामिल लोग बीच-बीच में आते-जाते रहे हैं। ऐसे में अब पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है उन लोगों की तलाश करना जो इन जमातियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आए। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह पता लगाने में जुटी है कि जमात में शामिल लोगों में से कौन-कौन जमाती कहां-कहां गया। किस-किस के संपर्क में आया।
आयोजकों को नोटिस
वहीं, दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त राजेंद्र प्रसाद मीणा ने बताया कि जमात के आयोजकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र को पुलिस की निगरानी में रखा गया है।