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जानिये- क्यों इस शख्स को कहा जाता है 'मिनी अटल', एकलव्य बन सीखा भाषण देना

फरीदाबाद के रणवीर चंदीला के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी के एक भाषण से इतने प्रभावित हुआ कि जहां पर वाजपेयी की सभा होती थी, उनका भाषण सुनने के लिए पहुंच जाते थे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 02:06 PM (IST)
जानिये- क्यों इस शख्स को कहा जाता है 'मिनी अटल', एकलव्य बन सीखा भाषण देना
जानिये- क्यों इस शख्स को कहा जाता है 'मिनी अटल', एकलव्य बन सीखा भाषण देना

फरीदाबाद (सुभाष डागर)। पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण सुनते-सुनते गांव बडौली के रहने वाले रणवीर सिंह चंदीला मिनी अटल बन गए। चंदीला लंबे समय तक भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे, अब भले ही भाजपा में नहीं हैं, लेकिन आज भी अटल जी को भाषण के मामले में गुरु और राजनीतिक जीवन में प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं। उनके निधन से वे खासे दुखी हैं।

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रणवीर चंदीला वर्ष 1980 में दिल्ली के नगर निगम के तुगलकाबाद प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे। तब 4 दिसंबर 1981 को महरौली कुतुब मीनार में बिजली चली जाने के कारण भगदड़ मच गई थी और उस घटना में 45 बच्चे मर गए थे, जिनमें फरीदाबाद के गांव पाली के भी बच्चे थे। तब एक जनसभा का आयोजन दिल्ली रामलीला मैदान में किया गया था। सभा को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी संबोधित करने के लिए आए थे।

रणवीर चंदीला के अनुसार अटल जी ने अपने भाषण में कहा था कि आज-कल मैं अकसर रात को नींद से उठकर बैठ जाया करता हूं। मेरी आंखों के सामने कुतुब मीनार की घटना में मारे गए बच्चों के बस्ते, कपड़े, जूते बिखरे हुए चित्रों में होते हैं।

चंदीला के अनुसार इस भाषण से इतने प्रभावित हुआ कि जहां पर वाजपेयी की सभा होती थी, उनका भाषण सुनने के लिए पहुंच जाते थे। वर्ष 1981 में चंदीला नौकरी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए। फिर भाजपा की सभाओं में अटल की शैली में भाषण देने लगे।

अटल स्टाइल भाषण को सुनना लोगों को अच्छा लगने लगा और लोग चंदीला को मिनी अटल कहने लगे। बाद में अटल स्टाइल में ही रणवीर चंदीला के कट आउट वाले होर्डिंग भी चुनाव के दिनों में लगने लगे। रणवीर चंदीला ने राजनीतिक जीवन में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बुलंदियां छूने वाले भारत रत्न अटल बिहारी को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।


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